Jungle Story: मन सुन्दर तो सब सुन्दर

एक आम के पेड़ पर एक मैना अपने परिवार के साथ रहती थी, उसी पेड़ पर एक सुंदर सफेद बगुला भी अपने परिवार के साथ रहता था।  लेकिन वो बहुत घमंडी था, उसे अपने उजले सफेद रंग रूप पर बड़ा गर्व था।

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jungle story man sundar to sab sundar

मन सुन्दर तो सब सुन्दर

जंगल की कहानी मन सुन्दर तो सब सुन्दर:- एक आम के पेड़ पर एक मैना अपने परिवार के साथ रहती थी, उसी पेड़ पर एक सुंदर सफेद बगुला भी अपने परिवार के साथ रहता था। लेकिन वो बहुत घमंडी था, उसे अपने उजले सफेद रंग रूप पर बड़ा गर्व था। बगुले ने अपने परिवार से कह रखा था कि कोई भी उस मटमैली भूरी मैना और उसके परिवार से बात नहीं करेगा। (Jungle Stories | Stories)

कभी गलती से अगर मैना के बच्चे बगुले के बच्चों से खेलने आ भी जाते तो घमंडी बगुला उन्हें...

कभी गलती से अगर मैना के बच्चे बगुले के बच्चों से खेलने आ भी जाते तो घमंडी बगुला उन्हें चोंच मारकर भगा देता था। लेकिन मैना ने कभी इस बात का बुरा नहीं माना। कई बार जब बगुले जोड़ी को लौटने में देर हो जाती थी तो मैना अपना थोड़ा सा खाना बचाकर बगुले के बच्चों को भी खिला देती थी। लेकिन घमंडी बगुले पर मैना के प्यार का कोई असर नहीं होता था। एक बार मैना ने बगुले को यह भी कहते सुना कि उसका परिवार कितना उजला, सफेद लंबा और सुन्दर है और मैना का परिवार कितना बदसूरत, छोटा भूरा और काला भी है। (Jungle Stories | Stories)

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यह सुनकर मैना दुखी जरूर हो गई लेकिन फिर भी उसने बगुले की कभी बुराई नहीं की। एक दिन की बात है, बारिश का मौसम था। पास की नदी में बाढ़ आई हुई थी  और बगुले को नदी से अपने  बच्चों के लिए कुछ भी भोजन नहीं मिला। मजबूर होकर बगुला माता-पिता बहुत दूर के तालाब में खाना ढूँढने चले गए। शाम होने लगी, लेकिन बगुला जोड़ी नहीं लौट पाएं। बारिश तेज होने लगी। तभी अचानक हवा का एक जोरदार झोंका आया और जिस डाली में बगुले का घोंसला था वो डाली चरमरा कर टूटने लगी । बगुले के नन्हे नन्हे बच्चे डर के मारे जोर जोर से रोने चीखने लगे। (Jungle Stories | Stories)

बच्चों का रोना सुनते ही मैना जल्दी से बगुले के घोंसले में गई और तीनों बच्चों को सहारा देकर अपने घोंसले मे ले आई। थोड़ी देर में जब माता पिता बगुले घर लौटे तो देखा कि उसका घोंसला जमीन पर बिखरा पड़ा है और बच्चे वहां नहीं है। दोनों जोर जोर से रोने लगे, उन्हें लगा कि पेड़ के नीचे रहने वाले काले नाग ने उनके बच्चों को निगल लिया होगा। बगुलों का रोना सुनकर मैना दौड़कर उनके पास आयी और प्यार से बोली, "आप लोग रो क्यों रहे हो? आपके बच्चों का कोई नुकसान नहीं हुआ, उन्हें हमनें अपने घोंसले में आराम से सुला दिया है, आज की रात आप लोग भी हमारे घोंसले में सो सकते हो ।" मैना की मीठी बातें सुनकर दोनों बगुलों की आंखों में आंसू आ गए, और दोनों ने मैना और उसके परिवार के साथ किए गए बुरे बर्ताव की माफ़ी मांग ली। (Jungle Stories | Stories)

सीख : इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि हमें मन से सुन्दर होना चाहिए और अच्छे काम करते रहना चाहिए।

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