26 जनवरी स्पेशल कहानी : नन्हें अमन की देशभक्ति गाँव के स्कूल में गणतंत्र दिवस (Republic Day) की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही थीं। बच्चे तिरंगे से सजे मंच पर अपनी प्रस्तुतियाँ देने के लिए उत्साहित थे। हर साल की तरह इस बार भी स्कूल में परेड, देशभक्ति गीत और नाटकों का आयोजन होना था। By Lotpot 02 Dec 2024 in Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 26 जनवरी स्पेशल कहानी : नन्हें अमन की देशभक्ति- गाँव के स्कूल में गणतंत्र दिवस (Republic Day) की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही थीं। बच्चे तिरंगे से सजे मंच पर अपनी प्रस्तुतियाँ देने के लिए उत्साहित थे। हर साल की तरह इस बार भी स्कूल में परेड, देशभक्ति गीत और नाटकों का आयोजन होना था। 10 वर्षीय अमन, जो कक्षा 5 में पढ़ता था, पहली बार गणतंत्र दिवस के समारोह में भाषण देने के लिए चुना गया था। अमन पढ़ाई में औसत था, लेकिन उसमें सीखने और मेहनत करने का जुनून था। गणतंत्र दिवस का महत्व उसे गहराई से समझना था क्योंकि वह जानता था कि यह केवल एक छुट्टी नहीं बल्कि हमारे देश की आत्मा को जानने का दिन है। अमन की तैयारी अमन ने भाषण की तैयारी के लिए अपनी शिक्षिका सीमा मैडम से मदद मांगी। सीमा मैडम ने उसे भारतीय संविधान, स्वतंत्रता सेनानियों और गणतंत्र दिवस के महत्व के बारे में समझाया। अमन ने पूरी रात मेहनत करके अपने भाषण को तैयार किया। वह हर शब्द को याद कर रहा था और अपनी माँ से बार-बार पूछ रहा था कि उसका उच्चारण सही है या नहीं। गाँव में बत्ती गुल लेकिन गणतंत्र दिवस से एक रात पहले गाँव में बिजली गुल हो गई। अंधेरे में बैठा अमन परेशान हो गया। उसे लगा कि बिना अभ्यास के वह मंच पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगा। उसकी माँ ने उसे हिम्मत दी और कहा, "बेटा, असली मेहनत अंधेरे में की जाती है। अगर दिल में रोशनी है, तो बाहर की रोशनी की जरूरत नहीं।" अमन ने दीये की रोशनी में अपने भाषण की प्रैक्टिस की। उसने कल्पना की कि मंच पर देशभक्ति का माहौल है और वह भाषण दे रहा है। उसकी माँ ने उसे हर कदम पर प्रोत्साहित किया। गणतंत्र दिवस का दिन 26 जनवरी की सुबह ठंडी थी। अमन स्कूल पहुंचा और उसने देखा कि मंच तिरंगे से सजा हुआ है और बच्चे सफेद कपड़ों में देशभक्ति के रंग बिखेर रहे हैं। अमन का दिल तेज़ी से धड़क रहा था। जैसे ही उसका नाम पुकारा गया, उसने अपनी हिम्मत जुटाई और मंच पर गया। उसने अपने भाषण की शुरुआत महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान से की। उसने बताया कि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ और यह दिन हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय का संदेश देता है। उसके भाषण में जोश और सच्चाई थी। बच्चों और शिक्षकों ने ताली बजाकर उसकी सराहना की। अमन के इस छोटे से प्रयास ने पूरे स्कूल को प्रेरित किया। सीख: अमन की कहानी हमें सिखाती है कि मुश्किल परिस्थितियाँ हमारी सच्ची मेहनत और लगन की परीक्षा लेती हैं। आत्मविश्वास, समर्पण और हिम्मत से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। "गणतंत्र दिवस हमें सिखाता है कि अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी समझें। देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों में होनी चाहिए।" यह भी पढ़ें:- हिंदी नैतिक कहानी: राज्य का चुनाव बच्चों की नैतिक कहानी: बात बहुत छोटी सी बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: बैल और कुत्ते Moral Story: गुणीराम #Moral #bachon ki hindi moral story #hindi moral kahani #Hindi Moral Stories #Hindi Moral Story #hindi moral stories for kids #bachon ki moral story #bachon ki moral kahani You May Also like Read the Next Article