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बात बहुत छोटी सी
बच्चों की नैतिक कहानी: बात बहुत छोटी सी:- राम रतन में सोच समझ कर काम करने की बुद्धि का अभाव था। वह उतावलेपन कुछ में कुछ भी कर बैठता था। तथा फिर पछताता था। उसके मित्रों ने व उसके माता-पिता ने उसे कई बार समझाया पर उसके समझ में न आया। घर में कॉपी-पेंसिल यदि न मिले तो वह इतना हल्ला-गुल्ला मचाता था कि घर ही सिर पर उठ जाता था और पिताजी की डांट खानी पड़ती थी। राम रतन के पिताजी ने उसे कई बार समझाया था कि अपनी चीजें यथा स्थान खुद संभाल कर रखनी चाहिए। जरूरत पड़ने पर यदि कोई चीज न मिले तो भी कुछ देर धैर्य रखना चाहिए, धैर्य खो देना अच्छी बात नहीं है, राम रतन में सुधार नहीं आया। (Moral Stories | Stories)
धीरे-धौरे समय बीतता गया। रामरतन बड़ा हो गया और महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए शहर आ गया। शुरू में रहने का कहीं इंतजाम न था इसलिए राम रतन एक होटल में ठहर गया। वह घर से बाहर पहली बार आया था। घर से चलते समय मम्मी ने उसे बड़े प्यार से समझाया था कि अपनी सभी चीजें संभाल कर रखे, क्योंकि जरा आंख चूकने पर लोग चीजें चुरा लेते हैं तथा उतावले होकर किसी से बिना सोचे समझे उल्टा सीधा न बोले। राम रतन ने मम्मी को आश्वासन दिया था कि वह इन सब बातों का ध्यान रखेगा।
उसने होटल के कमरे में सामान रख दिया, जल्दी जल्दी थैले से कुछ चीजें निकाल कर ड्रेसिंग टेबल पर बेतरतीब से...
उसने होटल के कमरे में सामान रख दिया, जल्दी जल्दी थैले से कुछ चीजें निकाल कर ड्रेसिंग टेबल पर बेतरतीब से पटक दी। अगले दिन जब वह कॉलेज जाने को तैयार हुआ तो पेन नहीं मिला। राम रतन ने जल्दबाजी में इधर-उधर ढूंढा तो पेन नहीं मिला। अपनी आदत के अनुसार वह परेशान हो गया और तुरन्त होटल के मैनेजर के पास पहुंच कर बोला- "मेरे कमरे से पेन गायब है, सुबह सफाई करने कोई आया था, वही ले गया होगा"। (Moral Stories | Stories)
मैनेजर को यह सब बड़ा अटपटा लगा, उसने कहा- "हमारे होटल से कीमती चीजें भी गायब नहीं होतीं, पेन क्या गायब होगा। आप बिना सोचे हमारे कर्मचारी पर आरोप लगा रहे हैं, यह ठीक नहीं है। आप फिर से देखिए, पेन आपके कमरे में ही होगा"।
राम रतन अपनी जिद पर अड़ा रहा और कहता रहा कि "पेन कमरे में नहीं है, यदि होता तो मैं क्यों कहता?" मैनेजर को समझते देर न लगी कि राम रतन में अभी लड़कपन है, गंभीरता का अभाव है। वह स्वयं राम रतन के साथ कमरे में गया। वहां उसने पेन को ढूंढने में सहायता की। बारीकी से देखने पर पता चला कि ड्रेसिंग टेबल की दरार में पेन फंसा है। मैंनेजर ने पेन निकालकर दे दिया और राम रतन से कहा- "पेन खो भी गया होता तो भी यह बहुत छोटी सी बात थी, इसके लिए चोरी का इल्जाम लगाना उचित नहीं था"। राम रतन शर्मिन्दा था, उसने क्षमा मांगते हुए भरोसा दिलाया कि यह घटना उसे एक सबक की तरह याद रहेगी। (Moral Stories | Stories)
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