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सूरज
बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: सूरज:- काफी समय की बात है। तीन दोस्त- रमन, श्याम और सूरज गांव से शहर की ओर नौकरी की तलाश में जा रहे थे। इनमें रमन और श्याम तो तेज थे लेकिन सूरज बहुत सीधा था दोनों मित्र हर काम सूरज से ही करवाते और अगर उनका कोई काम बिगड़ता तो वे कहते कि सूरज मनहूस है, इसी की वजह से हमारा काम खराब हो गया। यह सुनकर सूरज खामोश रह जाता, लेकिन मन ही मन वह बहुत दुःखी होता और सोचता कि समय आने पर सब पता चल जाएगा कि मनहूस कौन हे? (Moral Stories | Stories)
अभी वे कुछ ही दूर चले थे कि जोरों की बारिश होने लगी। कुछ देर वे एक बरगद के पेड़ के नीचे रूके। लेकिन जब पानी नहीं रूका तो...
अभी वे कुछ ही दूर चले थे कि जोरों की बारिश होने लगी। कुछ देर वे एक बरगद के पेड़ के नीचे रूके। लेकिन जब पानी नहीं रूका तो वे भागते हुए सामने एक झोपड़ी में पहुंच गए। उसी समय बिजली भी कड़कने लगी। वे किसी तरह बैठे अपने को बचाने का प्रयास कर रहे थे। बिजली एक बार फिर कड़की तो रमन ने कहा, "यह बिजली सूरज का बलिदान मांगती है, क्योंकि हम लोगों पर इसकी वजह से बहुत सी मुसीबतें पड़ीं। यही हमारे बीच मनहूस है"।
"ठीक है!" श्याम ने कहा, "अभी इसकी परीक्षा हो जाती है। एक-एक करके हम में से हर आदमी बाहर जाएगा, जो मनहूस होगा उसी पर बिजली गिर जाएगी"। (Moral Stories | Stories)
"कोई बात नहीं! लेकिन पहले तुम लोग जाओगे"। सूरज ने हिम्मत करके कहा। "अगर तुम लोगों पर बिजली नहीं गिरी तो मैं अपने को मनहूस समझकर अपनी जान दे दूंगा"।
तीनों में शर्त लग गई। सबसे पहले रमन गया, लेकिन बिजली नहीं गिरी। वह भीगता हुआ झोपड़ी में आ गया। उसके बाद श्याम गया, श्याम पर भी बिजली नहीं गिरी और वह भी वापस आ गया। यह देख सूरज कांप गया। वह सोचने लगा कि मैं ही मनहूस हूं।
अब रमन और श्याम ने जबरदस्ती सूरज को झोपड़ी से बाहर धकेल दिया। सूरज को अपनी मौत निश्चित लग रही थी। अचानक जोर से गरजना हुई और सूरज ने अपने कान और आंखे बंद कर ली, लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ।
थोड़ी देर बाद जब उसने आंखे खोलकर देखा तो यह देखकर हैरान रह गया कि बिजली झोपड़ी में गिरने के कारण दोनों बाल-बाल बच गए थे, किंतु भय से कांप रहे थे। जब सूरज झोपड़ी में अंदर घुसा तो वे दोनों सूरज के पैरों में जा गिरे, और गिड़गिड़ाते हुए अपनी गलती की क्षमा मांगने लगे। सूरज ने प्रेम से कहा- "किसी भी बात को बोलने से पहले उसका अर्थ व निष्कर्ष जान लेना चाहिए"। (Moral Stories | Stories)
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