मज़ेदार जंगल कहानी - मूर्ख बन्दरों और जुगनू की कहानी
मज़ेदार जंगल कहानी - मूर्ख बन्दरों और जुगनू की कहानी:- नमस्ते बच्चों! मेहनत और लगन ज़रूरी हैं, लेकिन चालाकी और समझदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आज हम एक best jungle story लेकर आए हैं
मज़ेदार जंगल कहानी - मूर्ख बन्दरों और जुगनू की कहानी:- नमस्ते बच्चों! मेहनत और लगन ज़रूरी हैं, लेकिन चालाकी और समझदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आज हम एक best jungle story लेकर आए हैं
Web Stories: एक राजा अत्यन्त निर्दयी और अत्याचारी था। वह जनता को हर तरह से दुःख और कष्ट दिया करता। सारी जनता राजा के व्यवहार से दुःखी रहती थी। अचानक एक दिन उस राजा
Web Stories: एक साधु थे, वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करते थे, “जो चाहोगे सो पाओगे, जो चाहोगे सो पाओगे”। बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर
Web Stories: एक पिता अपने काम से घर देर से पहुंचे। वह बहुत थके हुए और चिड़चिड़े हो रहे थे। जब वह घर पहुंचे तो उनका पांच साल का बेटा उनका इंतजार कर रहा था।
Web Stories: कीर्ति, नेहा, सोनू, प्रिया और उनकी क्लास के बाकी साथी आज बहुत खुश थे, गर्मियों की छुट्टियों के बाद अभी स्कूल को खुले कुछ ही दिन हुए थे।
Web Stories: प्रदीप की मां ने रामू को बाजार से सामान लाने के लिये रूपये और थैला पकड़ा दिया। रामू 15-16 वर्षीय किशोर था और बचपन से ही घर में काम करता था। रामू जब बाजार
Web Stories: श्यामपुर के वैद्य जगन्नाथ जी एक माने हुए वैद्य थे। स्वयं की बनाई दवाईयों से वह लोगों की शारीरिक समस्याओं को बिल्कुल दूर कर देते थे और गए से गए रोगियों के रोग