बिना सोचे-समझे का पछतावा – एक अनमोल सीख
Web Stories: गर्मियों की दोपहर थी। एक हरा-भरा गांव, जहां खुली हवा, हरे-भरे खेत और तालाब के किनारे खेलते बच्चे खुशियों से भरे रहते थे। उसी गांव में मधु नाम का एक चंचल
Web Stories: गर्मियों की दोपहर थी। एक हरा-भरा गांव, जहां खुली हवा, हरे-भरे खेत और तालाब के किनारे खेलते बच्चे खुशियों से भरे रहते थे। उसी गांव में मधु नाम का एक चंचल
बहुत पुरानी बात है। राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक गांव में रामू पटेल नाम का एक किसान रहता था। वह अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए गांव में जाना जाता था, लेकिन एक समस्या थी
गर्मियों की दोपहर थी। एक हरा-भरा गांव, जहां खुली हवा, हरे-भरे खेत और तालाब के किनारे खेलते बच्चे खुशियों से भरे रहते थे। उसी गांव में मधु नाम का एक चंचल और नटखट लड़का रहता था।
एक छोटे से गाँव में मोहन नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत चतुर और मेहनती था, लेकिन एक बात उसे सबसे खास बनाती थी - उसकी ईमानदारी। गाँव में लोग उसकी ईमानदारी की मिसाल देते थे।
एक गाँव में मीनू नाम की एक प्यारी सी लड़की रहती थी। वह बहुत होशियार थी, लेकिन कभी-कभी अपनी शरारतों में कुछ गलतियां कर बैठती थी। उसके माता-पिता, सुमन और राजेश, उसे बहुत प्यार करते थे।
केवल पुस्तकें पढ़ लेने से ही कोई व्यक्ति अच्छे रूप से ज्ञानी नहीं हो जाता। जीवन में कई अन्य कुशलताओं का भी उतना ही महत्व है। प्रोफेसर राव को इस बात का ज्ञान काफी समय के बाद हुआ।
एक गरीब किसान था, उसके दो बेटे थे। एक का नाम था रामू तथा दूसरे का नाम भोला था। किसान बहुत मेहनती था, पहले वह दूसरे के खेतों में मजदूरी करता था।