Moral Story: सॉरी सर टोनी अपनी कक्षा में एक नम्बर के शरारती बच्चों में गिना जाता है। पढ़ने से मन चुराना उस की आदत थी। अपने किसी सहपाठी से वह इतनी चालाकी और सावधानी से शरारत करके फिर अपनी सीट पर ऐसे जा बैठता। By Lotpot 09 Mar 2024 in Stories Moral Stories New Update सॉरी सर Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Moral Story सॉरी सर:- टोनी अपनी कक्षा में एक नम्बर के शरारती बच्चों में गिना जाता है। पढ़ने से मन चुराना उस की आदत थी। अपने किसी सहपाठी से वह इतनी चालाकी और सावधानी से शरारत करके फिर अपनी सीट पर ऐसे जा बैठता मानो उसने कुछ किया ही न हो। दो लड़कियों की चोटियों को आपस में बांधना भी उसकी आदतों में से एक थी। (Moral Stories | Stories) स्कूल के वार्षिक समारोह की तैयारियां आरम्भ हो चुकी थीं। सभी विद्यार्थी अपने अध्यापकों के साथ काम में हाथ बंटा रहे थे। कोई खेल के मैदान में बिखरे कागज के टुकड़े उठा रहा था। कोई क्यारियों को सींच रहा था। कोई रंग-बिरंगी झंडियाँ बना रहा था लेकिन टोनी का ध्यान तो शरारतों में ही था। एक दो बार उसे पंजाबी के अध्यापक श्री अमनदीप सिंह भी मिल-जुल कर काम करने के लिए कह चुके थे, लेकिन टोनी फिर चकमा देकर इधर-उधर निकल जाता था। अमिताज कक्षा का मानीटर था। इसलिए टोनी का उसके प्रति व्यवहार अच्छा नहीं था। मन ही मन वह उससे जलता भुनता था। वह मौका पाकर उसे नीचा दिखाने की ताक़ में ही रहता। (Moral Stories | Stories) एक दिन जब टोनी को पता चला कि अमिताज समारोह के अवसर पर फैन्सी ड्रेस में प्रधानमंत्री की भुमिका निभायेगा तो... एक दिन जब टोनी को पता चला कि अमिताज समारोह के अवसर पर फैन्सी ड्रेस में प्रधानमंत्री की भुमिका निभायेगा तो उसके मुंह का स्वाद जैसे एकदम कड़वा हो गया हो। वह सोचने लगा, 'वह तो समारोह में छा जायेगा। कोई बात नहीं, मेरा भी नाम टोनी है। देखूंगा कैसे छायेगा वह...?' (Moral Stories | Stories) समारोह दिवस भी आ पहुंचा। जिला शिक्षा अधिकारी और इलाके के एम.एल.ए साहिब भी आ पहुंचे थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम आरम्भ हो चुका था। अब फैन्सी ड्रेस के आईटम की बारी थी। अचानक ही पर्दे के पीछे टोनी आया। वह उस छोटे से कक्ष में चला गया जहां केवल अमिताज ही था। वह प्रधानमंत्री की ड्रेस में शीशे की तरफ मुंह करके भाषण दे रहा था। “अरे वाह क्या कमाल किया है तुने? बिल्कुल प्रधानमंत्री दिखाई दे रहे हो। पहला ईनाम तुम्हें ही मिलेगा।" टोनी ने उसे बगल में लेते हुए कहा। कक्ष से बाहर आता हुआ अमिताज बोला, “धन्यवाद!” (Moral Stories | Stories) अब टोनी पिछले दरवाज़े से आता हुआ पंडाल में आ बेठा था। ज्यों ही आठवीं कक्षा का हरनाम मछुआरा की भूमिका निभा कर पर्दे के पीछे गया तो माईक में आवाज गूंज उठी, 'अब आपके सामने देश के प्रधानमंत्री जी आ रहे हैं और आप सभी को सम्बोधित करेंगे। पर्दे के पीछे से अचानक ही अमिताज ने मंच पर प्रवेश किया। उसने इतना धुंआधार भाषण दिया कि लोग वाह-वाह कर उठे लेकिन ज़्यों ही वह पीछे मुड़ा तो कुछ विद्यार्थियों ने हूटिंग आरम्भ कर दी और साथ ही तालियों का शोर भी ऊंचा हो गया। (Moral Stories | Stories) अमिताज की पीठ पर एक कागज चिपका हुआ था। लिखा था, 'लम्बू जी'। “ये हरकत किसने की है?" श्री अमनदीप का पारा चढ़ गया। वह पंडाल से एकदम उठकर पर्दे के पीछे आए और अमिताज का ध्यान उसकी पीठ पर चिपके हुए कागज़ पर दिलाया तो अमिताज भी मारे शर्म के पानी-पानी हो गया। उसे कुछ सुझाई नहीं दे रहा था। उस की गुस्से में मुट्ठियां तन गई लेकिन फिर भी उसने अपने मन पर काबू रखा। अब तक पोल खुल चुकी थी। टोनी को समारोह समाप्त होते ही प्रिंसीपल साहिब के कमरे में बुलाया गया। (Moral Stories | Stories) “लाओ हाजिरी रजिस्टर मेरे पास। ऐसे शरारती विद्यार्थियों के लिए इस स्कूल में कोई स्थान नहीं है। इसका नाम अभी काट कर घर भेजते हैं...।' स्कूल से नाम काटने की बात सुनते ही टोनी की तो मारे भय के घिग्गी बंध गई। उसकी सांस फूलने लगी। “सर मुझे माफ कर दो। मैंने ही यह गलती की थी..।'' टोनी प्रिंसीपल साहिब के पैरों को पकड़ कर गिड़गिड़ाने लगा। (Moral Stories | Stories) “नहीं, नहीं। तेरे लिए यही सजा उचित है क्या ऐसे ही अपने स्कूल का नाम ऊंचा करोगे बड़े होकर...?" प्रिंसीपल साहिब ने हाजिरी रजिस्टर से टोनी का नाम काटने के लिए अभी लाल रंग की सियाही वाला पैन खोला ही था कि अमिताज से टोनी की हालत देखी न गई। “सर, चलो इसे क्षमा कर दो प्लीज...।" अमिताज प्रिंसीपल साहिब के सामने हाथ बाधता हुआ बोला। (Moral Stories | Stories) “अमिताज तुझे क्षमा करने के लिए रिक्वेस्ट कर रहा है और तूने इसके साथ क्या व्यवहार किया तुम्हें शर्म आनी चाहिए..।" प्रिंसीपल साहिब का गुस्सा ज्यों का त्यों बरकरार था। लेकिन दूसरी बार फिर जब अमिताज ने क्षमा करने के लिए विनती की तो प्रिंसीपल साहिब का मन पिघल गया।“सर आगे से मैंने यदि कोई भी शरारत की तो आप मुझे जो मर्जी सजा देना, मुझे मन्जूर होगी...। मैं आपसे और अमिताज से क्षमा मांगता हूं...।'' टोनी की आंखे आंसुओं से भर आई। अमिताज ने टोनी को बगल में ले लिया। अपने प्रति अमिताज का ऐसा व्यवहार देख कर टोनी का सिर झुक गया। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | Bal Kahaniyan | kids hindi short stories | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Short moral stories in hindi | Kids Hindi Moral Stories | kids hindi stories | Kids Moral Stories | Kids Stories | Moral Stories | hindi stories | Hindi Moral Stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Moral Story: कठिन परीक्षा का फल Moral Story: सत्य का संपर्क Moral Story: धोबी का गधा Moral Story: चित्रकार की सीख #लोटपोट #Lotpot #Short moral stories in hindi #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ You May Also like Read the Next Article