हिंदी नैतिक कहानी: राज्य का चुनाव सिंहपुर के राजा का नाम मूलदेव था। वे बहुत योग्य और प्रतापी राजा थे। कालांतर में उन्होंने वीरपुर राज्य को भी जीत लिया। अब वे दो राज्यों के महाराज थे। मूलदेव के 2 बेटे थे। By Lotpot 14 Jun 2024 in Stories Moral Stories New Update राज्य का चुनाव Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी नैतिक कहानी: राज्य का चुनाव:- सिंहपुर के राजा का नाम मूलदेव था। वे बहुत योग्य और प्रतापी राजा थे। कालांतर में उन्होंने वीरपुर राज्य को भी जीत लिया। अब वे दो राज्यों के महाराज थे। मूलदेव के 2 बेटे थे। एक का नाम मोहन था, दूसरे का नाम सोहन। महाराज की उम्र काफी हो चली थी। वे चाहते थे कि मरने से पूर्व वे अपने बेटों को राज्य का बंटवारा कर दें ताकि बाद में किसी तरह का झगड़ा न हो। पर महाराज को चिंता इस बात की थी कि वे अपने किस बेटे को सिंहपुर दे और किस को वीरपुर। (Moral Stories | Stories) सिंहपुर काफी बड़ा और संपन्न राज्य था जबकि वीरपुर अपेक्षाकृत छोटा और पिछड़ा हुआ राज्य था। वे जानते थे कि दोनों बेटे सिंहपुर राज्य का राजा बनना पसंद करेंगे। अब जिसे वीरपुर का राजा बनाया जायेगा वह नाराज हो जायेगा। मूलदेव की समझ में नहीं आ रहा था कि इस गुत्थी को वे कैसे सुलझायें ताकि अनावश्यक मनमुटाव और कलह न हो। काफी सोच-विचार करने के बाद उन्होंने एक दिन अपने दोनों बेटों को बुलाया और उनसे कहा कि वे दोनों जायें और सिंहपुर और वीरपुर दोनों राज्यों में जाकर अपनी पसंद का राज्य चुन लें। उन्हें अपनी पसंद का राज्य दे दिया जायेगा। मोहन और सोहन दोनों राजकुमार पिता की आज्ञा पाकर राज्य की सैर को निकल पड़े दोनों ने घूम फिरकर दोनों राज्यों का दौरा किया और लौट आए। (Moral Stories | Stories) "मोहन बेटे, कहो तुम किस राज्य के राजा बनना पसंद करोगे?" महाराज ने अपने बड़े बेटे को पहले बुलाकर पूछा। "जी पिताजी, मैं वीरपुर राज्य का राजा बनना चाहूंगा"। मोहन ने उत्तर दिया तो सोहन सहित सभी के मुंह खुले के खुले रह गये। वे सभी तो... "जी पिताजी, मैं वीरपुर राज्य का राजा बनना चाहूंगा"। मोहन ने उत्तर दिया तो सोहन सहित सभी के मुंह खुले के खुले रह गये। वे सभी तो सोच रहे थे कि वह पहले पूछे जाने का फायदा उठाकर जरूर बड़ा तथा संपन्न राज्य सिंहपुर ही मांगेगा, पर मोहन नें तो पिछड़ा हुआ राज्य वीरपुर मांग कर उन्हें चौंका दिया। (Moral Stories | Stories) सोहन भी अपने भाई की पसंद पर मन ही मन खुश हो रहा था कि अब उसे स्वत: ही बड़ा राज्य सिंहपुर का राजा बनने का मौका मिलेगा। महाराज मूलदेव को भी मोहन का उत्तर सुनकर आश्चर्य हुआ उन्होंने उससे वजह पूछी। "बेटे, तुमने यह जानते हुए भी कि वीरपुर छोटा है उसका राजा बनना क्यों चुना? तुम चाहते तो सिंहपुर जैसे विशाल और समृद्ध राज्य का राजा बन सकते थे"। "महाराज, दोनों राज्यों के भ्रमण के पश्चात् मैंने यह पाया कि सिंहपुर राज्य बड़ा भले ही हो पर उसके निवासी आलसी, सुस्त और अकर्मण्य हैं। जिसके कारण जल्दी ही वे लोग सिंहपुर सरीखे समृद्ध राज्य को कंगाल बना देंगे ठीक इसके विपरीत वीरपुर राज्य आज छोटा एवं पिछड़ा भले हो पर उसके निवासी कठोर परिश्रमी, ईमानदार और कर्मठ हैं जिसके कारण वीरपुर भविष्य में उन्नत राज्य बन जायेगा। इस बात में कोई संदेह नहीं," मोहन ने अपने निर्णय की वजह बताई। (Moral Stories | Stories) महाराज मूल देव अपने बेटे मोहन की सूझबूझ और योग्यता से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने उसकी प्रशंसा करते हुए वीरपुर राज्य सौंप दिया। उधर सोहन भी अपने भाई के निर्णय से बहुत प्रभावित हुआ। उसने महाराज से आग्रह किया कि वे सिंहपुर और वीरपुर राज्यों को आपस में एक करके मोहन को उसका राजा घोषित कर दें। ताकि मोहन की योग्यता का लाभ दोनों राज्यों को मिल सके। महाराज ने सोहन का प्रस्ताव स्वीकार लिया। दोनों राज्य एक हो गये तो मोहन ने अपने भाई को गले लगाते हुए घोषणा की कि आज से दोनों मिलकर नए राज्य की जम्मेदारी संभालेंगे और प्रजा के कल्याण के लिए मिलकर काम करेंगे। मूलदेव दोनों भाईयों का आपस में स्नेह देखकर अभिभूत हो गये। उनकी राज्य के उत्तराधिकारी की चिंता दूर हो चुकी थी। योग्य बेटों को राजपाठ सौंप के ध्यान में समय लगाने लगे। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | majedar bal kahani | Bal Kahani in Hindi | Best Hindi Bal kahani | bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | choti majedar hindi kahani | choti hindi kahani | kids hindi kahani | bachon ki hindi kahaniyan | hindi kahani | Hindi kahaniyan | bachon ki moral story | bachon ki naitik kahani | bachon ki naitik kahaniyan | bachon ki moral kahani | Kids Hindi Moral Stories | kids hindi moral story | Hindi Moral Story | moral story in hindi | kids moral story in hindi | hindi naitik kahaniyan | hindi naitik kahani | bachon ki hindi naitik kahani | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | मज़ेदार बाल कहानी | मजेदार बाल कहानी | बच्चों की बाल कहानी | बाल कहानी | बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | हिंदी कहानी | हिंदी कहानियाँ | बच्चों की हिंदी कहानी | बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी | बच्चों की हिंदी मज़ेदार कहानी | बच्चों की हिंदी कहानियाँ | छोटी हिंदी नैतिक कहानी | हिंदी नैतिक कहानियाँ | बच्चों की नैतिक कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- हिंदी नैतिक कहानी: लालच हर मुसीबत की जड़ है बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी: सूरज Moral Story: प्रायश्चित Moral Story: दो बेटों की कहानी #मज़ेदार बाल कहानी #bachon ki hindi kahaniyan #hindi naitik kahani #बच्चों की हिंदी कहानी #bachon ki hindi naitik kahani #Bal Kahaniyan #choti majedar hindi kahani #Kids Hindi Moral Stories #hindi naitik kahaniyan #हिंदी कहानियाँ #बच्चों की नैतिक कहानी #bachon ki moral story #Best Hindi Bal kahani #बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #choti hindi kahani #Hindi Bal Kahani #बाल कहानियां #Bal Kahani in Hindi #lotpot E-Comics #Hindi Moral Story #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #हिंदी कहानी #kids moral story in hindi #लोटपोट #बाल कहानी #बच्चों की बाल कहानी #बच्चों की हिंदी मज़ेदार कहानी #bachon ki moral kahani #छोटी हिंदी नैतिक कहानी #हिंदी बाल कहानी #Hindi Kahani #bachon ki naitik kahaniyan #बच्चों की हिंदी कहानियाँ #Hindi Bal Kahaniyan #bachon ki naitik kahani #मजेदार बाल कहानी #हिंदी बाल कहानियाँ #हिंदी नैतिक कहानियाँ #लोटपोट ई-कॉमिक्स #Hindi kahaniyan #majedar bal kahani #Bal kahani #kids hindi moral story #kids hindi kahani #moral story in hindi #Lotpot You May Also like Read the Next Article