Moral Story: प्रायश्चित

अशरफ को समझ में नहीं आ रहा था की वह पापा को कैसे समझाए कि उनके कारण लड़के उसे जल्लाद का बेटा कहते हैं। उसके पापा नगर के सरकारी अस्पताल में कम्पाउंडर हैं, उन्हें जरा-जरा सी बात पर क्रोध आ जाता है।

New Update
cartoon image of college boys

प्रायश्चित

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Moral Story प्रायश्चित:- अशरफ को समझ में नहीं आ रहा था की वह पापा को कैसे समझाए कि उनके कारण लड़के उसे जल्लाद का बेटा कहते हैं। उसके पापा नगर के सरकारी अस्पताल में कम्पाउंडर हैं, उन्हें जरा-जरा सी बात पर क्रोध आ जाता है। पूरे नगर में वह जल्लाद के नाम से कुख्यात हैं क्योंकि वे रोगियों से जल्लाद के समान व्यवहार करते हैं। रोगियों से वह ढंग से बात भी नहीं करते, इंजेक्शन ऐसे लगाते हैं जैसे जानवरों को भोंक दिया जाता है। कल ही उसने पापा से कहा था कि आप ऐसा रूखा व्यवहार रोगियों से क्‍यों करते हैं। (Moral Stories | Stories)

"सीधे मुंह रहूं तो लोग सिर पर ही सवार हो जायें और जो मिल जाता है वह भी न मिले पापा ने कहा था। सरकार आपको वेतन देती है फिर ऊपरी कमाई के लिए लोगों को क्यों परेशान करते हैं? साहस कर उसने कह दिया था।

वह जानता है पापा किसी के कहने की चिन्ता नहीं करते, कोई भी ऊपरी कमाई छोड़ना नहीं चाहता। लोग अक्सर कह देते हैं कि अशरफ के पापा को अस्पताल में नहीं, किसी फांसी घर में होना चाहिए था। उसके पापा क्रोधी स्वभाव के कारण अधिक चर्चित हो गये थे। दूसरों के दुःख का इन पर कोई असर नहीं पड़ता। (Moral Stories | Stories)

कल दोपहर की छुट्टी में जब अशरफ मैदान में खेल रहा था तभी कन्हैया ने विनोद से कहा था- "अशरफ तो बड़ा होकर असली जल्लाद बनेगा"।

"क्यों भई! ऐसा क्यों कहते हो?" अशरफ ने पूछा था। नहीं, मैं मम्मी की दवा लेने गया तो बड़ी जोर से डांट कर भगा दिया। मम्मी दर्द से चीख रहीं थीं और उन्हें देखकर भी दया नहीं आई। कन्हैया ने कहा और अशरफ सिर झुकाये सुन रहा था। लड़कों ने कितनी ही बातें सुना डाली थीं। उसने कोई जवाब नाहीं दिया था तभी घंटी बज गयी थी और वह कक्षा की ओर भाग लिया।

cartoon image of college boys

अशरफ खेल के मैदान से वापस घर जा रहा था तभी रास्ते में महमूद चाचा ने उसे टोक दिया "अशरफ, अपने पापा को भेज देना, मैं सुबह वापस चला जाऊंगा"।

"अभी भेजता हूं" कहकर वह तेजी से घर की ओर चल दिया। (Moral Stories | Stories)

जब अशरफ घर पहुंचा तो मम्मी ने बताया कि उसके पापा अभी अस्पताल से नहीं आये है। वह अस्पताल की ओर चल दिया। उसे मालूम है कि...

जब अशरफ घर पहुंचा तो मम्मी ने बताया कि उसके पापा अभी अस्पताल से नहीं आये है। वह अस्पताल की ओर चल दिया। उसे मालूम है कि पापा को महमूद चाचा से कोई विशेष काम है जिसके लिए वह उनसे मिलना चाहते हैं। महमूद चाचा अधिकांशत: बाहर ही रहते हैं। कितनी ही बार वह स्वयं यह देखने उनके घर जा चुका था कि महमूद चाचा घर पर हैं या नहीं, आज जब महमूद चाचा आए हैं तो पापा अभी तक अस्पताल से नहीं आये हैं।

अस्पताल के बरामदे में ही अशरफ को उसके पापा मिल गये उनके हाथ में ड्रेसिंग का सामान था वे किसी को पट्टी बांधने जा रहे थे। (Moral Stories | Stories)

"पापा, आपको महमूद चाचा ने बुलाया है, वे सुबह फिर बाहर चले जायेंगे"। अशरफ ने बताया।

"आज वैसे ही देर हो गई अभी उसे पट्टी भी बांधनी है, तुम चलो मैं अभी आ रहा हूं बड़बड़ाते हुए पापा बोले। (Moral Stories | Stories)

पापा आगे बढ़ गये थे। अशारफ ने सोचा वह कन्हैया की मम्मी को भी देख ले और डॉ. पांडे से कह देगा कि वे उसके दोस्त की मां हैं तो अस्पताल से अच्छी दवायें भी दिला देंगे, उसे पता नहीं था कि वे किस कमरे में हैं इसलिए वह एक-एक कमरे में जाकर उन्हें खोजने लगा।

एक कमरे में पहुंचकर अनायास ही अशरफ ठिठक कर रूक गया। उसने देखा एक रोगी के पैर में पट्टी बंधी थी किन्तु घाव से खून बराबर निकल रहा था। रोगी की दशा काफी गंभीर लग रही थी।

"इसके तो बहुत खून निकल रहा है" अशरफ बोला। (Moral Stories | Stories)

"कंपाउंडर साहब ने इसके घाव पर चिपकी पट्टी जोर से नोच ली थी। जिससे खून निकलने लगा," पास ही दूसरे बेड पर लेटे रोगी ने बताया।

"तो डॉक्टर साहब को खबर क्यों नहीं की?"

इसके साथ कोई है ही नहीं जो खबर करने जाता। डॉक्टर साहब राउंड पर आयेंगे तब स्वयं देख लेंगे। कम्पाउंडर साहब ने कहा था कि खून अपने आप बन्द हो जायेगा। रोगी ने बताया।

रोगी के लगातार खून निकलने से उसकी दशा काफी चिंताजनक हो गई थी, अशरफ तुरन्त डॉक्टर को बुलाने कमरे के बाहर आ गया, वह समझ गया पापा ने जल्दी के कारण रोगी की यह दशा कर दी है। "क्या बात है अशरफ?" उसे देखते ही डॉक्टर ने पूछा। (Moral Stories | Stories)

"अंकल जी, एक मरीज के घाव से बहुत खून निकल रहा है जल्दी चलिये," अशरफ ने कहा।

डॉक्टर तेजी से उसके साथ चल दिया। रोगी की दशा देखकर डॉक्टर साहब स्वयं घबरा गये। "किशनपाल को जल्दी से बुला लाओ, इसकी दशा बहुत खराब है," डॉक्टर साहब बोले।

अशरफ दौड़ कर किशनपाल को बुला लाया। रोगी के घाव में तुरन्त टांके लगाकर खून बन्द किया। कई इंजेक्शन लगाये लेकिन रोगी की दशा में कोई विशेष सुधार नहीं हो रहा है। "इसका बहुत खून निकल गया है, इसे खून देने के लिए शहर भेजना होगा," डॉक्टर साहब ने कहा। "तब तक तो वह मर जायेगा," अशरफ बोला।

"कया करूं यहां खून भी तो नहीं है," डॉक्टर साहब धीरे से बोले। 

"मेरा खून चेक कर लें इसके ग्रुप का हो तो इसे चढ़ा दें," अशरफ बोला। (Moral Stories | Stories)

"तुम खुन दोगे?" किशनपाल आश्चर्य से बोला।

cartoon image of hospital

अशरफ का खून चेक किया गया और भाग्य से उस रोगी के ग्रुप का ही निकला। अशरफ का खून लेकर उसे चढ़ा दिया गया, रोगी की हालत सुधर गयी।

अशरफ के देर तक घर न पहुंचने पर उसके पापा उसे खोजने अस्पताल आ गये थे। वहां उन्हें मालूम हुआ कि उनके कारण एक रोगी की जान खतरे में पड़ गयी थी जिसे अशरफ ने खून देकर बचाया तो अनायास ही उनकी आंखों में आंसू भर आये।

पूरे अस्पताल में अशरफ की प्रशंसा हो रही थी और अशरफ कमजोरी महसूस कर रहा था लेकिन खुश था। "बेटा तुम तो बहुत बड़े हो गये और मुझे पता ही न चला"। कहते हुए पापा ने उसे फलों का रस पिलाया उनकी आंखों में पश्चाताप के आंसू थे। उनके अन्दर का जल्लाद मर चुका था। (Moral Stories | Stories)

lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi kahaniyan | kids short stories | kids hindi short stories | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | Kids Hindi Moral Stories | kids hindi stories | Kids Moral Stories | Kids Stories | hindi stories | Moral Stories | Moral Stories for Kids | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी नैतिक कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ

यह भी पढ़ें:-

Moral Story: कहानी मूर्खा की

Moral Story: गधे की स्वर्ग यात्रा

Moral Story: संदीप की सूझ बूझ

Moral Story: सूझबूझ

#बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi kahaniyan #Bal Kahaniyan #Kids Moral Stories #Moral Stories #Hindi Bal Kahani #Moral Stories for Kids #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids short stories #छोटी नैतिक कहानियाँ