मजेदार बाल कहानियां- सौतेली मां: एक नई शुरुआत मजेदार बाल कहानियां- सौतेली मां: एक नई शुरुआत :- ‘‘मैंने बहुत सी हिन्दी फिल्मों में देखा है कि सौतेली मां कभी ममतामयी नहीं हो सकती। हो सकता है कि वो शुरू के कुछ वर्ष प्यार दे किन्तु बाद में वो अपने रंग दिखाने लगती है।’’ By Lotpot 21 Oct 2024 in Moral Stories New Update मजेदार बाल कहानियां- सौतेली मां: एक नई शुरुआत :- ‘‘मैंने बहुत सी हिन्दी फिल्मों में देखा है कि सौतेली मां कभी ममतामयी नहीं हो सकती। हो सकता है कि वो शुरू के कुछ वर्ष प्यार दे किन्तु बाद में वो अपने रंग दिखाने लगती है।’’ साजन को पक्का विश्वास था कि उसकी सौतेली मां भी जल्दी ही निर्दयी हो जायेगी जैसे सिंड्रैला की कहानी में उसकी सौतेली मां थी। लगभग एक साल पहले साजन की मां का देहान्त हो गया था उसके पिता उसका बहुत ध्यान रखते थे और कोशिश करते थे कि उसे कोई परेशानी न हो, पर उनकी भी अपनी सीमा थी। उन्हंे अपने काम पर भी जाना होता था अतः वे साजन और घर को कम समय दे पाते थे। साजन और उसके पापा मिलजुल कर घर के काम करते थे किन्तु फिर भी कमी रह ही जाती थी। उसके पापा सुबह जल्दी उठ कर कपड़े धोते थे। नाश्ते में तो रोज बस दूध और ब्रेड ही होता था। उसके पापा दोपहर का खाना अपने दफ्तर में खाते थे और साजन किसी ढ़ाबे पर। शाम को फिर दोनों बाप बेटे ढ़ाबे पर जा कर खाना खाते थे। जब बात बरदाश्त के बाहर हो गई तो साजन की रजामंदी से साजन के पापा ने एक बड़ी उम्र की महिला से शादी कर ली। उनके आने से सब कुछ पहले जैसा हो गया। लेकिन साजन के मन में तो चिन्ता थी वो अपने मन में और अपने घर में उन्हें अपनी मां का स्थान नहीं दे पा रहा था। उसकी दिन पर दिन साजन शैतान होता जा रहा था। एक दिन मां ने उसे प्यार से समझाया कि गलत हरकतें मत करों साजन से यह बरदाश्त नहीं हुआ और उसने घर छोड़ने का निश्चय कर लिया। रात को जब सब सो रहे थे तो साजन चुपके से घर से निकल गया। रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर वो प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन में चढ़ गया। सुबह जब ट्रेन अपने गंतव्य स्थान पर पहुंची तो साजन चुपके से स्ट्रेशन के बाहर निकल आया। इस अंजान शहर में उसके पास कोई जगह नहीं थी जहां वो जा सके। एक चाय वाले की नजर उस पर पड़ी। वह समझ गया कि बच्चा घर से भागा हुआ है। वह उसे अपनी खोली में ले गया और उसे चाय नाश्ता करवाया। उसने मन में सोचा कि ये लड़का लोगों को चाय पहुंचाने में मदद कर सकता है। चायवाला साजन से बोला ‘‘तुम मेरी खोली में रह सकते हो। तुम्हें खाना भी मिलेगा लेकिन बदले में तुम्हें चाय की दुकान पर मेरी मदद करनी पड़ेगी।’’ साजन मान गया। पूरा दिन वह दुकानदारों को चाय पहुंचाता रहा। दोपहर को उसे दो रोटी और दाल खाने को मिली। रात को दस बजे चाय की दुकान बंद हुई तब उसे फिर दो रोटी और दाल खाने को मिली। उसे दुकान के बाहर ही सोने को बोला गया। अभी वो लेटा ही था कि एक कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगा। शायद वह जगह उसके सोने की थी और वह नहीं चाहता था कि कोई और उसकी जगह पर सोये। साजन वहां से उठ गया और रेलवे स्टेशन के अन्दर चला गया। प्लेटफार्म पर सन्नाटा छाया हुआ था सिर्फ एक बूढ़ी औरत ज़मीन पर कंबल औढ़े लेटी हुई थी। लगता था गहरी नींद में सो रही थी। साजन चुपचाप उसके कंबल में घुस कर सो गया। सुबह जल्दी उठ कर साजन नित्य कर्म से निबटने गया। वापिस आया तो उसे उस बूढी औरत के आस-पास भीड़ नजर आई। बुढ़िया के आस-पास कुछे सिक्के भी पड़े थे। साजन को समझ नहीं आया कि माजरा क्या है? अचानक भीड़ में से एक आवाज उसके कान में पड़ी, बेचारी, बुढिया, लगता है कल रात ही मर गई थी’’ यह सुन कर साजन के शरीर में सिहरन दौड़ गई। यह सोच-सोच कर वह डर गया कि पूरी रात वह एक मृत शरीर के पास लेटा रहा। अचानक उसे एक ट्रेन आती दिखाई दी। इससे पहले की ट्रेन प्लेटफार्म पर पूरी तरह रूकती है वह एक भीड़-भाड़ वाले डिब्बे में चढ़ गया। ट्रेन में बैठे-बैठे उसने सोचा, ‘‘क्या हुआ अगर वो मेरी सौतेली मां है? उन्होंने आ कर घर संभाल लिया है और उसकी और उसके पापा की जिन्दगी आसान कर दी है। उन्होंने साजन को भी इसीलिए समझाया था क्योंकि वे उसी का भला चाहती थी। ‘‘अब उसे घर की अहमियत समझ आ गई थी और वह जल्दी से जल्दी अपने घर अपने माता-पिता के पास पहुंचना चाहता था उसने अपने मन को समझा लिया। ‘‘मां तो मां है सगी यां सौतेली से कोई अंतर नहीं पड़ता।’’ कहानी से सीख : कहानी से यह भी सीखने को मिलता है कि हमें अपने भीतर की आवाज़ को सुनना चाहिए। साजन ने अंततः अपने दिल की सुनी और परिवार की अहमियत को समझा। मजेदार बाल कहानियां यहाँ और भी हैं :- मजेदार बाल कहानी : आँख की बाती: सच्चे उजाले की कहानीगौतम बुद्ध और नीरव का अनमोल उपहारMotivational Story : रोनक और उसका ड्रोनशिक्षाप्रद कहानी : ईमानदारी का हकदार #Hindi Moral Stories #bachon ki moral story #hindi moral kahani #bachon ki hindi moral story #bachon ki moral kahani #मजेदार बाल कहानियां You May Also like Read the Next Article