कहानी शुरू होती है... Moral Stories : सच्चाई की ताकत - एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था, जिसका नाम राहुल था। राहुल बहुत शरारती था और अपनी छोटी-मोटी बातों में झूठ बोलने की आदत से गाँववालों को परेशान करता था। उसकी माँ उसे बार-बार समझाती, "बेटा, झूठ बोलना बुरी बात है। सच्चाई हमेशा जीतती है।" लेकिन राहुल हंसकर टाल देता। "झूठ की शरारत" एक दिन राहुल ने गाँववालों के साथ मजाक करने की ठानी। वह गाँव के बीच दौड़ते हुए चिल्लाने लगा, "बचाओ! बचाओ! शेर आ गया!"गाँववाले, जो खेतों में काम कर रहे थे, अपनी दरांतियां और लाठियां लेकर दौड़ पड़े। लेकिन जब वे वहाँ पहुँचे, तो राहुल हँसते हुए बोला, "अरे, मैं तो मजाक कर रहा था। शेर-वेर कुछ नहीं है!"गाँववाले गुस्से में वापस चले गए। अगले दिन राहुल ने फिर वही किया। "शेर आ गया! शेर आ गया!" इस बार भी गाँववाले दौड़े, लेकिन फिर से उन्हें राहुल की हँसी मिली। इस पर उन्होंने गुस्से में कहा, "अब हम तुम्हारी बात पर कभी भरोसा नहीं करेंगे।" "सच का सबक" कुछ दिन बाद, सचमुच जंगल से एक शेर गाँव में आ गया। राहुल ने देखा और घबरा कर चिल्लाने लगा, "शेर आ गया! शेर आ गया! सच में इस बार शेर आ गया!"लेकिन इस बार गाँववाले उसकी आवाज़ को अनसुना कर दिए। उन्होंने सोचा कि यह राहुल की नई शरारत है। राहुल चिल्लाता रहा, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। शेर ने गाँव में कई मुर्गियां और बकरियां उठा लीं। राहुल की समझ में आ गया कि उसकी झूठी बातों के कारण गाँववाले उसकी सच्चाई पर भरोसा नहीं कर रहे। "सबक और बदलाव" घटना के बाद, राहुल बहुत पछताया। उसने गाँववालों से माफी मांगी और वादा किया कि वह अब कभी झूठ नहीं बोलेगा। गाँववाले ने उसे माफ कर दिया, लेकिन उसे सिखाया कि विश्वास दोबारा पाना आसान नहीं है। राहुल ने अपनी माँ से भी वादा किया कि वह अब से सच्चाई का रास्ता अपनाएगा और झूठ नहीं बोलेगा। धीरे-धीरे उसने गाँववालों का भरोसा फिर से जीत लिया। सीख: "झूठ कितना भी आकर्षक लगे, लेकिन वह हमेशा नुकसान पहुंचाता है। सच्चाई ही वह ताकत है, जो इंसान को सबसे ऊंचा बनाती है।" कहानी का अंत: राहुल की यह सीख पूरे गाँव के बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई। अब गाँव का हर बच्चा सच्चाई का महत्व समझने लगा। यहाँ पढ़ें और मोरल स्टोरीज : - सच्चाई की ताकत: ईमानदारी का अनमोल सबक Moral Stories : दयालुता का फल बाल कहानी : रवि और उसकी मेहनत गणेश जी को प्रथम पूजनीय बनाने की कथा