रवि और उसकी मेहनत की कहानी एक छोटी सी कालोनी में रवि नाम का एक होशियार लड़का रहता था। रवि पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन उसे मेहनत करने में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं थी। वह हमेशा अपने दोस्तों से कहता,रवि: "अरे, पढ़ाई तो आखिरी समय पर भी कर लूंगा। अभी खेलने में मजा आता है।" रवि का हर दिन खेलकूद में बीतता। उसकी मम्मी हर रोज उसे समझातीं,मम्मी: "बेटा, मेहनत करने से ही सफलता मिलती है। जो आज करेगा, वही कल आगे बढ़ेगा।"लेकिन रवि यह बात अनसुनी कर देता। प्रतियोगिता की घोषणा एक दिन स्कूल में घोषणा हुई कि महीने के अंत में गणित प्रतियोगिता होगी। जो भी इसमें जीतता, उसे गाँव के प्रधान से इनाम मिलेगा।रवि के दोस्त बहुत उत्साहित थे। सबने प्रतियोगिता की तैयारी शुरू कर दी। लेकिन रवि ने सोचा,रवि: "अरे, मैं तो होशियार हूं। मुझे ज्यादा पढ़ाई करने की क्या जरूरत है?" परेशानी का दिन प्रतियोगिता से एक दिन पहले रवि ने अपनी किताब खोली। उसे समझ में आया कि उसे तो गणित के बहुत से सवाल आते ही नहीं हैं। वह परेशान हो गया और अपनी मम्मी से बोला,रवि: "मम्मी, मैं क्या करूं? मुझे तो कुछ भी याद नहीं है।"मम्मी ने प्यार से कहा,मम्मी: "अब समय कम है बेटा, लेकिन अगर तुम पूरी रात मेहनत करो, तो शायद तुम्हें थोड़ा फायदा हो। यह भी सीख लो कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।" रवि ने पूरी रात जागकर पढ़ाई की। वह बहुत थक गया, लेकिन उसने ठान लिया था कि अब से वह आलस नहीं करेगा। प्रतियोगिता का दिन अगले दिन प्रतियोगिता हुई। रवि ने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश की। जब परिणाम आया, तो वह दूसरा स्थान प्राप्त कर सका।रवि उदास था, लेकिन प्रधान जी ने कहा,प्रधान जी: "दूसरा स्थान भी कमाल है। लेकिन रवि, अगर तुम पहले से मेहनत करते, तो शायद तुम पहले स्थान पर होते।"रवि ने सिर झुकाकर कहा,रवि: "मैं समझ गया कि मेहनत समय पर करनी चाहिए। अब मैं कभी आलस नहीं करूंगा।" कहानी से सीख यह कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत करने का सही समय आज ही है। आलस और टालमटोल से सफलता दूर हो जाती है, लेकिन ईमानदारी और मेहनत से हर सपना पूरा हो सकता है। और पढ़ें कहानी (Hindi Story): क्रिसमस का असली संदेश: इंसानियत और सेवा की सीख Motivational Story : पंखों से नहीं, हौसले से उड़ान होती है सीख देती कहानी : सबसे कीमती माॅडल Motivational Story - मनोहर की बुद्धिमानी