सच्चाई की ताकत: ईमानदारी का अनमोल सबक

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में राजा वीरेंद्र का शासन था। राजा वीरेंद्र अपने न्यायप्रिय और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे। एक दिन राजा ने घोषणा की कि वह अपने राज्य के लोगों में से किसी एक को अपना उत्तराधिकारी चुनेगा।

By Lotpot
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The Power of Truth A Precious Lesson of Honesty
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सच्चाई की ताकत: ईमानदारी का अनमोल सबक

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में राजा वीरेंद्र का शासन था। राजा वीरेंद्र अपने न्यायप्रिय और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे। एक दिन राजा ने घोषणा की कि वह अपने राज्य के लोगों में से किसी एक को अपना उत्तराधिकारी चुनेगा। लेकिन इसके लिए एक अनोखी परीक्षा रखी गई।


राजा की परीक्षा

राजा ने अपने सभी प्रजा के बच्चों को बुलाया और कहा,
राजा: "मैं तुम सबको एक-एक बीज दूंगा। इसे घर ले जाकर एक गमले में लगाना और तीन महीने बाद मेरे पास लेकर आना। जिसका पौधा सबसे सुंदर और बड़ा होगा, वही मेरा उत्तराधिकारी बनेगा।"

गाँव के सभी बच्चों ने बड़े उत्साह से बीज लिए और घर जाकर उन्हें गमले में लगाया। उन बच्चों में एक था अजय। अजय बहुत ईमानदार और मेहनती था। उसने भी अपने बीज को मिट्टी में लगाया और हर रोज पानी देना शुरू किया।


अजय का संघर्ष

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अजय ने दिन-रात अपने पौधे की देखभाल की, लेकिन महीनों बीतने के बाद भी उसका बीज अंकुरित नहीं हुआ। अजय बहुत परेशान था। उसने अपनी माँ से कहा,
अजय: "माँ, मैंने हर संभव कोशिश की, लेकिन मेरा बीज नहीं उग रहा है।"
माँ: "बेटा, तुमने अपनी तरफ से पूरी मेहनत की है। जो सच है, वही राजा को दिखाना।"


तीन महीने बाद

तीन महीने पूरे होने पर सभी बच्चे अपने-अपने गमले लेकर राजा के महल पहुंचे। कुछ के गमलों में सुंदर-सुंदर पौधे और फूल खिले हुए थे। लेकिन अजय के गमले में मिट्टी के अलावा कुछ नहीं था। अजय थोड़ा घबराया, लेकिन उसने सोचा कि झूठ बोलने से अच्छा है सच्चाई दिखाना।

जब राजा ने सभी गमलों का निरीक्षण किया, तो उसने अजय के खाली गमले को देखकर पूछा,
राजा: "बेटा, तुमने बीज को क्यों नहीं उगाया?"
अजय: "महाराज, मैंने अपनी तरफ से पूरी मेहनत की, लेकिन बीज नहीं उगा। मैंने झूठ बोलने के बजाय सच्चाई दिखाना बेहतर समझा।"


सच्चाई की जीत

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राजा ने मुस्कुराते हुए सभी को संबोधित किया,
राजा: "यह मेरी परीक्षा थी। मैंने जो बीज तुम्हें दिए थे, वे उबल चुके थे और उनसे कुछ भी उगना असंभव था। अजय ने ईमानदारी दिखाई और अपनी सच्चाई साबित की। वही मेरा उत्तराधिकारी बनेगा।"

यह सुनकर सभी हैरान रह गए। अजय को राजा ने गले लगाया और घोषणा की,
राजा: "ईमानदारी सबसे बड़ी ताकत है। जो सच बोलता है, वही सच्चा नेता बन सकता है।"


कहानी से सीख:

यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चाई और ईमानदारी जीवन में सबसे महत्वपूर्ण हैं। चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, सच बोलने से हमेशा सम्मान और सफलता मिलती है।

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