Moral Stories : दयालुता का फल

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से राज्य में एक निर्दयी मालिक और उसका गुलाम रहते थे। मालिक इतना क्रूर था कि वह अपने गुलाम को दिन-रात काम करवाता और उसे ठीक से खाने-पीने तक नहीं देता था। गुलाम थक चुका था और अपनी आजादी की उम्मीद खो बैठा था।

By Lotpot
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Moral Stories Fruits of Kindness

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Moral Stories : दयालुता का फल - बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से राज्य में एक निर्दयी मालिक और उसका गुलाम रहते थे। मालिक इतना क्रूर था कि वह अपने गुलाम को दिन-रात काम करवाता और उसे ठीक से खाने-पीने तक नहीं देता था। गुलाम थक चुका था और अपनी आजादी की उम्मीद खो बैठा था।


गुलाम की जंगल की ओर भागने की कहानी

एक दिन, गुलाम ने अपने मालिक के चंगुल से भागने का फैसला किया। वह रात के अंधेरे में चुपचाप अपने घर से निकलकर जंगल की ओर भाग गया। घने जंगल में उसने खुद को आजाद महसूस किया, लेकिन जल्द ही उसने महसूस किया कि जंगल भी खतरों से भरा हुआ है।


शेर की मदद करने का साहस

जंगल में भटकते हुए, गुलाम ने अचानक एक शेर को देखा। शेर दर्द से कराह रहा था और उसके पंजे में एक बड़ा कांटा फंसा हुआ था। गुलाम को डर तो लगा, लेकिन उसने अपनी दया और साहस को जगाया। वह धीरे-धीरे शेर के पास गया।
गुलाम: "डर मत, मैं तुम्हारी मदद करूंगा।"

शेर ने दर्द भरी आंखों से उसे देखा, मानो वह उसकी बात समझ रहा हो। गुलाम ने बिना समय गंवाए कांटा निकाल दिया। शेर ने राहत महसूस की और अपनी पूंछ हिलाकर गुलाम का धन्यवाद किया। इसके बाद, शेर जंगल में चला गया और गुलाम ने अपनी राह पकड़ ली।


गुलाम की दुबारा पकड़

कुछ दिनों बाद, गुलाम को उसके निर्दयी मालिक ने पकड़ लिया। मालिक बहुत गुस्से में था और उसने गुलाम को सजा देने का फैसला किया।
मालिक: "तुझे तेरी आजादी का मतलब समझाऊंगा।"

मालिक ने आदेश दिया कि गुलाम को भूखे शेर के सामने डाला जाए। यह सजा सुनकर गुलाम को यकीन हो गया कि उसकी मौत निश्चित है।


अद्भुत मोड़: दया का फल

जब गुलाम को शेर के सामने डाला गया, तो वह कांपते हुए अपने अंत का इंतजार कर रहा था। लेकिन जैसे ही शेर दहाड़ते हुए उसके पास आया, वह अचानक रुक गया। उसने गुलाम को पहचान लिया! यह वही शेर था, जिसकी गुलाम ने मदद की थी।

शेर ने गुलाम को कुछ नहीं किया, बल्कि उसके मालिक पर झपट पड़ा। कुछ ही पलों में, शेर ने निर्दयी मालिक का अंत कर दिया।


गुलाम की आजादी

शेर ने गुलाम को अपनी दया और कृतज्ञता का अनोखा उदाहरण दिया। गुलाम अब आजाद था। उसने जंगल में ही अपना जीवन बिताने का फैसला किया, जहां उसने सीखा कि दया और मदद का फल हमेशा अच्छा होता है।


कहानी से सीख:

यह कहानी हमें सिखाती है कि दया और मदद करना कभी व्यर्थ नहीं जाता। जो हम दूसरों को देते हैं, वह किसी न किसी रूप में हमें वापस जरूर मिलता है।

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