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शिक्षाप्रद कहानी : एक युवक एक किसान के पास आया और कहने लगा, ‘क्या आप अपने फार्म पर मुझे काम दे सकते हो?’
‘तुम क्या काम कर सकते हो?’ किसान ने प्रश्न किया।
युवक ने उत्तर दिया, ‘मैं आंधी के समय निश्चित आराम कर सकता हूं’
उत्तर बड़ा अटपटा था किन्तु उस का आत्मविश्वास देख कर किसान ने उसे एक अवसर देने का निश्चय किया।
उसी दिन शाम को अचानक आकाश पर काले बादल घिर आए- आंधी आने की सम्भावना से किसान घबरा गया-वह बाहर आया तो उसे यह देख कर बहुत गुस्सा आया कि युवक अपने कमरे में आराम से लेटा हुआ था।
किसान ने चिल्ला कर कहा, ‘‘तुम्हें कोई चिंता नहीं है कि आंधी से कितना नुकसान हो सकता है’’
युवक ने हंसते हुए उत्तर दिया, ‘‘मालिक मैंने आप को पहले ही बता दिया था कि मैं आंधी के समय आराम कर सकता हूं।
मैंने सभी जानवरो को बन्द बाड़े में पहुंचा दिया है। बाहर पड़े भूसे पर तिरपाल डाल दिया है। बाहर रखे हुये सभी उपकरणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। मैंने सारे प्रबन्ध कर दिये हैं और अब आंधी आने पर किसी भी नुकसान की सम्भावना नहीं है। मैं निश्चित हो कर आराम कर रहा हूं’ किसान की समझ में युवक की अटपटी बात अच्छी तरह आ गई-हमारे जीवन में कभी भी बिना पूर्व सूचना के कोई दुर्घटना हो सकती है। कुछ घटनाएं ऐसी भी होती हंै। जिन के पूर्व आराम हो जाता है। दुर्घटनाओं से अधिक नुकसान तभी होता है जब हमने उस से बचने की कोई तैयारी नहीं की होती।
यदि पहले से सुरक्षा के आवश्यक उपाय कर लिये जाये तो नुकसान की सम्भावना कम से कम हो जाती है। और ऐसी दशा में आंधी आने पर भी हम निश्चित आराम कर सकते हैं
इस कहानी से सीख :
इस कहनी इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में आने वाली अप्रत्याशित चुनौतियों और दुर्घटनाओं से बचने के लिए पहले से तैयारी करना बहुत महत्वपूर्ण है। जब हम पहले से सभी आवश्यक सावधानियां और प्रबंध कर लेते हैं, तो हम संकट के समय भी बिना घबराए आराम कर सकते हैं। संकट का सामना वही लोग बेहतर तरीके से कर पाते हैं, जिन्होंने पहले से सभी सुरक्षा उपाय कर लिए होते हैं।