मेरी प्यारी बहन- एनी :- एक अमीर औरत ने एक गरीब अनाथ लड़की को गोद लिया, जो बहुत ही वफादार, आज्ञापालक और हमेशा खुश और दयापूर्वक रहती थी ।
एक दिन वह औरत उस लड़की से कहा, ‘‘एनी, तुम एक अच्छी हो, इसलिए इस क्रिसमस में तुम्हारे लिए कुछ नए कपडे खरीदूंगी। मैंने इस बारे में दुकानदार से बात भी की है। ये लो रूपये, जाओ और जो भी ड्रैस तुम्हें सबसे ज्यादा पसंद आये वो खरीद लेना।’’
उस औरत ने रूपये दे दिये, लेकिन एनी ने कुछ देर सोच के कहा, ‘‘मेरी प्यारी माँ, मेरे पास अभी कई कपड़े हैं, परन्तु मेरी बहन फ्रांसिस अभी भी पुराने कपड़े पहनती और अगर वह मुझे में देखेगी तो निःसन्देह उसे बुरा लगेग। क्या आप मुझे यह पैसे उसे भेजने की अनुमति देंगी? में उसके लिए बहूत प्रिय हूं और जब में बीमार थी तब वह मेरे बगल में बैठने जाया करती थी और बहुत ही प्यार से सेवा किया करती थी।’’
तो औरत ने कहा, ‘‘मेरी प्यारी बेटी, अपनी बहन को खत लिखो और कहो कि यहाँ आये और हमारे साथ रहे और मैं तुम दोनों को सब एक समान दूंगी। क्योंकि तुम दोनों ही एक दूसरे के प्रिय हो, मैं पूरी कोशिश करुँगी दोनों को खुश रखने की। एनी बहुत खुश हुई उसी दिन फ्रांसिस भी उनके पास आ गई और सभी ने क्रिसमस मनाया।
सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि निस्वार्थ प्रेम और दूसरों की खुशी के लिए त्याग करना सच्चे इंसान की पहचान है। एनी की बहन फ्रांसिस के प्रति उसकी संवेदनशीलता और दयालुता यह बताती है कि दूसरों के प्रति करुणा और साझा खुशी से ही जीवन में वास्तविक आनंद मिलता है। साझा सुख और परस्पर सहयोग से रिश्तों की गहराई और मजबूत होती है।