नैतिक कहानी : ईमानदारी का इनाम- एक छोटे से गाँव में मोहन नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत चतुर और मेहनती था, लेकिन एक बात उसे सबसे खास बनाती थी - उसकी ईमानदारी। गाँव में लोग उसकी ईमानदारी की मिसाल देते थे। मोहन अपने पिता के साथ खेती करता और फुरसत के समय में बाजार जाकर फल बेचता था।
सांप और मोहन की मुलाकात
एक दिन मोहन खेत में हल चला रहा था। तभी उसे खेत में एक चमचमाती चीज दिखाई दी। जब उसने ध्यान से देखा, तो पाया कि वहाँ एक छोटा सोने का बर्तन है। बर्तन के पास ही एक सांप था। मोहन ने डरते हुए सोने का बर्तन उठाया और सांप से कहा, "यह बर्तन तुम्हारा है? अगर है, तो मुझे माफ करना, मैं इसे वापस रख देता हूँ।"
सांप बोला, "यह बर्तन मेरा है, लेकिन अब तुम्हारे लिए इनाम है। क्योंकि तुमने ईमानदारी दिखाई और इसे चुराने की कोशिश नहीं की।" सांप ने मोहन को सोने का एक सिक्का दिया और कहा, "हर रोज यहाँ आना, तुम्हें एक सिक्का मिलेगा। लेकिन याद रखना, लालच मत करना।"
लालच का जाल
मोहन ने सांप की बात मान ली। वह हर दिन एक सिक्का लेता और उसे घर लाकर अपने माता-पिता को दे देता। उसकी ईमानदारी से उनका घर धीरे-धीरे खुशहाल होने लगा। लेकिन मोहन का पड़ोसी रघु यह सब देख रहा था। उसे जलन हुई और उसने सोचा, "अगर मैं सांप से सारे सिक्के एक ही बार में ले लूं, तो मुझे बार-बार मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।"
रघु की साजिश
अगले दिन रघु चुपके से खेत में गया और सांप से कहा, "मुझे सारे सिक्के एक बार में दे दो। मुझे बार-बार आने का समय नहीं है।" सांप ने उसे चेतावनी दी, "लालच मत करो, वरना नुकसान होगा।" लेकिन रघु नहीं माना और सांप को मारने की कोशिश की। गुस्से में सांप ने रघु को डस लिया। रघु तुरंत गिर पड़ा और उसने अपने किए पर पछतावा किया।
सीख और ईमानदारी का महत्व
जब मोहन को इस घटना के बारे में पता चला, तो उसने सांप से कहा, "मैं हमेशा तुम्हारी ईमानदारी की कद्र करता हूं और इसे अपनी सबसे बड़ी ताकत मानता हूं।" सांप ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुम जैसे लोग ही इस दुनिया को बेहतर बनाते हैं। जाओ, अपनी ईमानदारी के साथ हमेशा आगे बढ़ते रहो।"
सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि ईमानदारी और धैर्य हमेशा सफलता और खुशहाली लाते हैं। लालच केवल हानि का कारण बनता है।
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