शिक्षा देती एक सुन्दर कहानी : माली का सबक शिक्षा देती एक सुन्दर कहानी : माली का सबक:- एक फलों का बगीचा था। उस बगीचे में एक पुराना आम का पेड़ था जिसमें एक तोता अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहता था। बाग के माली को इनसे प्यार हो गया था By Lotpot 28 Dec 2021 | Updated On 28 Dec 2021 12:55 IST in Stories Moral Stories New Update शिक्षा देती एक सुन्दर कहानी : माली का सबक:- एक फलों का बगीचा था। उस बगीचे में एक पुराना आम का पेड़ था जिसमें एक तोता अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहता था। बाग के माली को इनसे प्यार हो गया था। तोते के नन्हे मुन्ने बच्चे सारा दिन चहकते रहते। धीरे धीरे समय निकलता गया। बच्चे बड़े होने लगे। माली रोज़ देखता था कि तोता और उसकी पत्नी दूर दूर से खाना लाकर बच्चों को खिलाते थे। कभी कोई कौआ या सांप बच्चों पर हमला करने आता तो दोनों उन दुश्मनों से लड़ते लड़ते घायल भी हो जाते थे। धीरे धीरे दोनों तोते बूढ़े होने लगे। अब वे उड़ नहीं पाते थे। बच्चे जवान हो गए थे और मजे में खुद जाकर दाना पानी चुग आते थे। एक समय ऐसा भी आया जब तोता और उसकी पत्नी भूखे रहने लगे और बहुत बीमार हो गए। तब माली खुद पेड़ पर चढ़कर घोसलें के पास दाना पानी रख आता था । जवान बच्चे अपने बूढ़े माता पिता का बिल्कुल ध्यान नहीं रखते थे, उल्टा उनसे खूब लड़ते थे। यह देख कर माली को बहुत दुख होता था। एक दिन बच्चों ने अपने माता पिता से लड़कर उन्हें पेड़ से नीचे गिरा दिया। माली को तब एक तरकीब सूझी। वो अपनी कुल्हाड़ी ले आया और जोर से बोला, "यह पेड़ बहुत बूढ़ा और कमजोर हो गया है, मुझे अब इस पेड़ की जरूरत नहीं, इसे मैं अभी काट देता हूँ।" यह सुनकर तोते के बच्चे घबरा गए और बोले, "अरे ओ माली, इस पेड़ पर हमारा घोंसला है, यह हमारा घर है। इसे काट दोगे तो हम कहाँ रहेंगे?" पर माली ने गुस्से से कहा, "तुम लोग कहीं भी रहो, मुझे क्या? जिस तरह से तुम्हें तुम्हारे बूढ़े माता पिता की ज़रूरत नहीं क्योंकि वे बूढ़े हो गए हैं, उसी तरह यह पेड़ भी बूढ़ा हो चुका है और मेरे किसी काम का नहीं।" तोते के बच्चों ने गिड़गिड़ा कर कहा, "लेकिन इस पेड़ ने पहले आपको कितने फल दिये थे, कितनी छाया दी थी, वो सब भूल गए?" माली ने तुरंत जवाब दिया, "तुम लोग भी तो भूल गए कि तुम्हारे माता पिता ने तुम्हें कितने प्यार से पाला था, खुद भूखे रहे पर तुम्हें कभी भूखा नहीं रहने दिया, तुम्हे दुश्मनों से बचाने के लिए खुद घायल होकर भी लड़ते रहे। फिर भी तुमने उन बूढ़े माता पिता को घर से निकाल दिया, तो फिर मैं भी इस बूढ़े पेड़ को काट कर तुम्हें बेघर क्यों नहीं कर सकता?" यह सुनते ही तीनों बच्चे तोते ने माली से माफी मांगी और अपने माता पिता से भी माफी मांगते हुए उन्हें प्यार से अपने घोसलें में वापस ले आये और सब एक दूसरे की देखभाल करने लगे। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने माता पिता और बुजुर्गों का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए और उनका सदा सम्मान करना चाहिए। ★सुलेना मजुमदार अरोरा★ और पढ़ें : बाल कहानी : जाॅनी और परी बाल कहानी : मूर्खता की सजा बाल कहानी : दूध का दूध और पानी का पानी Like us : Facebook Page #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Story #Lotpot Kahani #Bal Kahania You May Also like Read the Next Article