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परी का नए साल का तोहफा
Motivational Story for Kids:-एकशामदोलड़केखेलरहेथेतभीअचानकउनकेसामनेपरीआगईऔरबोली, ‘मुझेतुमलोगोंकोनएसालकातोहफादेनेकेलिएभेजागयाहै।’उसपरीनेजल्दीसेदोनोंबच्चोंकोतोहफादियाऔरवहाँसेचलीगई।गोपालऔरपुनीतनेतोहफेखोलेतोउसमेंउनकोदोसुंदरकिताबेंमिलीजिसकेपन्नेपहलीबारबर्फपड़नेपरसफेदबर्फजैसेस्वच्छथे।कईमहीनेबीतगएऔरपरीएकबारफिरउन्हींलड़कोकेपासआई।परीनेकहा, ‘मैंतुमदोनोंकेलिएएकऔरअलगकिताबलाईहूँ।औरमैंनेजोतुम्हेंपहलेकिताबेंदीथीवहमुझेवापिसफादरकेपासलेकरजानीहै।’ (Motivational Story)
पुनीतनेपूछा, ‘क्यामैंअपनीकिताबकोथोड़ेलंबेसमयकेलिएनहींरखसकता?
पुनीतनेपूछा, ‘क्यामैंअपनीकिताबकोथोड़ेलंबेसमयकेलिएनहींरखसकता? मैंनेइसकेबारेमेंदेरसेसोचा।मैंइसकीआखिरीपत्तीपरकुछपेंटकरनाचाहताहूँ।’परीनेकहा, ‘नहीं! मुझेयहऐसीहीलेकरजानीहै।’गोपालनेकहा, ‘काश! मैंअपनीकिताबकोएकबारऔरदेखसकता।मैंनेएकसमयमेंअपनीकिताबकाएकहीकागज़देखाहैक्योंकिजबमैंउसेपलटताथातोवहचिपकजातीथीऔरमैंहररोज़अपनीकिताबकोनहींखोलपाताथा।’ परीनेकहा, ‘तुमअपनीकिताबकोदेखसकतेहोऔरपुनीतअपनीकिताबकोदेखसकताहै।’परीनेदोनोंकेलिएदोछोटेछोटेचांदीकेलैंपजलाएऔरउसकीरोशनीमेंजबवहकागज़पलटतीगईतोवहकिताबकोदेखतेगए। (Motivational Story)
दोनोंलड़केकाफीहैरानदिखे।क्यायहवहीकिताबथीजोपरीनेउन्हेंएकसालपहलेदीथी? बर्फकीतरहसाफ, सुंदरऔरसफेददिखनेवालेवहकागज़कहांगए? अबइनकागज़ोंपरगंदगी, कालेधब्बेऔरनिशानहैं।जबकिइसकेदूसरेपन्नेपरसुंदरसुंदरछोटेछोटेचित्रहैं।कुछपन्नोंकोसोनेऔरचांदीजैसेरंगोंसे, सुंदरफूलोंसेसजायागयाहैऔरसाथहीउन्हेंमुलायमइंद्रधनुषीरंगोंसेसजायागयाहैजिसमेंचमकहै।
लेकिनइनअतिसुंदरपन्नोंपरभीगंदेकालेदागऔरधब्बेथे।गोपालऔरपुनीतनेकिताबकोदेखकरपरीकीतरफदेखा।उन्होंनेपूछा, ‘यहकिसनेकियाहै?’ जबहमनेइसेखोलाथातोहरकागज़सफेदऔरसाफथाअबइसपूरीकिताबमेंएकभीकागज़साफनहींहै।’परीनेहंसतेहुएबच्चोंसेकहा, ‘क्यामैंतुम्हेंकुछतस्वीरोंकेबारेमेंबताऊं?’ देखो, पुनीत, अगरतुमउसदिनलड़नेकेबजाएअगरप्यारसेतुमनेउसदिनइसेनहींदेखाहोतातोइसपन्नेपरगुलाबकेफूलकिसीबच्चेकेखेलनेपरखुशहोनेकेसमाननहींखिलेहोतेऔरयहसुंदरचिड़िया, जोऐसेलगरहीहैजैसेपूरीशक्तिसेगारहीहै, कैसेनहींदिखाईदेती।’ (Motivational Story)
तोफिरयहदागकैसेआगए? पुनीतनेपूछा।परीनेदुखीहोकरजवाबदिया, ‘यहदाग! यहतबआएजबतुमनेएकदिनझूठबोलाऔरउसदिनतुमनेअपनीमाँकीबातनहींसुनी।तुम्हारीदोनोंकीकिताबोंमेंयहदागऔरधब्बेकितनेगंदेलगतेहैंऔरगोपालजबतुमनेमस्तीकीथीतबतुम्हारीकिताबपरवहदागआगएथे।
जबतुमदोनोंनेकुछअच्छाकामकियातोतुम्हारीकिताबोंमेंअच्छेऔरसुंदरदृष्यबनतेगएऔरजबतुमनेकोईगलतकामकियातोवहदागबनतेगए।’गोपालऔरपुनीतनेकहा, ‘अच्छा, क्याहमेंयहकिताबेंदोबारामिलसकतीहै।’ परीनेकहा, ‘नहीं, अबनही।देखो, यहइससालकीकिताबथीऔरअबयहफादरकेटाइमबुकमेंदोबाराजानीचाहिए।लेकिनदेखोअबमैंइससालतुमदोनोंकेलिएनईकिताबेंलाईहूँ।तुमदोनोंअच्छेकामकरकेइन्हेंऔरभीसुंदरबनाना।’
यहकहकरपरीवहाँसेचलीगईऔरलड़केअकेलेरहगए।दोनोंकेहाथोंमेंउनकीकिताबेंथींऔरपहलेपन्नेसेनईकिताबखुलीऔरउसकेआखिरमेंसुनहरेअक्षरोंसेलिखाथा, ‘इसनएसालकेलिए।’ (Motivational Story)
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