स्वामी विवेकानंद का शिष्टाचार का पाठ - एक रेल यात्रा की कहानी एक बार स्वामी विवेकानंद रेल में सफर कर रहे थे। उनके सामने वाली सीट पर एक अंग्रेज महिला अपने छोटे और प्यारे बच्चे के साथ बैठी थी। यात्रा के दौरान एक स्टेशन पर ट्रेन रुकी, और स्वामीजी ने कुछ संतरे खरीदे। By Lotpot 17 Oct 2024 in Motivational Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 कहानी: एक बार स्वामी विवेकानंद रेल में सफर कर रहे थे। उनके सामने वाली सीट पर एक अंग्रेज महिला अपने छोटे और प्यारे बच्चे के साथ बैठी थी। यात्रा के दौरान एक स्टेशन पर ट्रेन रुकी, और स्वामीजी ने कुछ संतरे खरीदे। उनके पास बैठे उस छोटे बालक की नजर संतरे पर पड़ी, और उसके चेहरे पर लालसा दिखाई देने लगी। स्वामीजी ने उस बालक की इच्छा को भांपते हुए महिला से अनुमति मांगी और बालक को एक संतरा दे दिया। बालक बहुत खुश हुआ और संतरा छीलने लगा। अभी वह संतरा पूरी तरह से छील भी नहीं पाया था कि महिला ने अचानक उसके गाल पर जोर से थप्पड़ मार दिया। संतरा बालक के हाथ से छूटकर सीट के नीचे गिर गया। यह देखकर स्वामीजी हतप्रभ रह गए। कुछ क्षणों के बाद उन्होंने विनम्रता से महिला से पूछा, "मैंने आपकी अनुमति से ही बालक को संतरा दिया था, फिर आपने उसे थप्पड़ क्यों मारा?" महिला ने गुस्से में कहा, "क्योंकि इसने आपको 'थैंक यू' नहीं कहा। शिष्टाचार का पालन करना बहुत जरूरी है।" स्वामी विवेकानंद ने शांत स्वर में जवाब दिया, "शिष्टाचार केवल शब्दों में नहीं, बल्कि हृदय की भावना में होना चाहिए। अगर हम दूसरों को बिना शर्त प्रसन्नता देने का उद्देश्य रखते हैं, तो उनके धन्यवाद की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। सच्चा शिष्टाचार वह है जिसमें हमें दूसरों से कुछ पाने की अपेक्षा नहीं होती।" इस घटना ने महिला को सोचने पर मजबूर कर दिया। उसे समझ में आया कि शिष्टाचार की भावना भीतर से होनी चाहिए, और केवल औपचारिकता के लिए किसी पर दबाव डालना गलत है। सीख:इस कहानी से यह सीख मिलती है कि शिष्टाचार और धन्यवाद की भावना स्वाभाविक होनी चाहिए, न कि किसी दबाव या अपेक्षा से प्रेरित। सच्ची विनम्रता और सहृदयता वही है जो बिना किसी स्वार्थ के की जाए। यह कहानी बताती है कि स्वामी विवेकानंद केवल एक महान विचारक ही नहीं, बल्कि एक उदार और समझदार व्यक्तित्व के धनी भी थे। उनके विचार हमेशा दूसरों को जीवन में सीखने और समझने के नए आयाम देते थे। बाल कहानी यहाँ और भी हैं :- Motivational Story : आँख की बाती: सच्चे उजाले की कहानीगौतम बुद्ध और नीरव का अनमोल उपहारMotivational Story : रोनक और उसका ड्रोनशिक्षाप्रद कहानी : ईमानदारी का हकदार #Hindi Motivational Story #Hindi Motivational Stories #Kids Hindi Motivational Stories #Kids Hindi Motivational Story #hindi motivational story for kids You May Also like Read the Next Article