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166 million year old dinosaurs found in England Scientist also surprised
इंग्लैंड के ड्यूअर्स फार्म क्वेरी (Dewars Farm Quarry) में काम कर रहे एक मजदूर ने ऐसी चीज देखी, जिसने वैज्ञानिकों को चौंका दिया। जून 2024 में, गैरी जॉनसन नाम के एक कर्मचारी ने मिट्टी हटाते वक्त जमीन पर अजीब उभार देखे। पहली नज़र में ये कुछ सामान्य लगा, लेकिन उसकी जिज्ञासा ने इस रहस्य से पर्दा उठा दिया। (England dinosaur discovery latest news)
जैसे ही उसने इन अजीब आकृतियों के बारे में वैज्ञानिकों को जानकारी दी, बर्मिंघम और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम वहां पहुंची। जब उन्होंने खुदाई की, तो 200 से ज्यादा डायनासोर के पैरों के निशान मिले! यह खोज मध्य-जुरासिक काल (166 मिलियन साल पहले) की है और यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक मानी जा रही है।
कैसे दिखते थे ये डायनासोर?
वैज्ञानिकों का मानना है कि इनमें से चार ट्रैकवे (पदचिह्नों की पंक्ति) सॉरोपोड्स (Sauropods) नामक लंबे गर्दन वाले, शाकाहारी डायनासोर के थे। ये विशालकाय जीव 60 फीट (18 मीटर) तक लंबे और 10 टन से ज्यादा भारी हो सकते थे!
वहीं, पांचवां ट्रैकवे मेगालोसॉरस (Megalosaurus) का था, जो 9 मीटर लंबा, मांसाहारी और खतरनाक शिकारी था। दिलचस्प बात यह है कि यह वही डायनासोर था, जिसे 1824 में वैज्ञानिकों ने पहली बार पहचान कर नाम दिया था।
क्या ये डायनासोर आपस में टकराए थे? (Jurassic period dinosaur footprints)
इस खोज में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि वैज्ञानिकों को एक जगह पर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के पदचिह्न एक-दूसरे को काटते हुए मिले! इससे शोधकर्ताओं को संदेह हुआ कि शायद इन डायनासोरों के बीच किसी तरह का संपर्क या टकराव हुआ होगा।
अनुमान लगाया जा रहा है कि ये डायनासोर लगभग 3 मील (4.8 किमी) प्रति घंटे की रफ्तार से चलते होंगे, जो एक इंसान के चलने की गति के बराबर है।
पहले भी हो चुकी है खोज, लेकिन इस बार तकनीक ने खोले नए राज़!
यह पहली बार नहीं है जब इस खदान में डायनासोर के पैरों के निशान मिले हैं। 1997 में भी यहां 40 सेट ट्रैकवे मिले थे, लेकिन उस समय तकनीक इतनी उन्नत नहीं थी। तब डिजिटल कैमरा और ड्रोन जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, जिससे बहुत कम फोटो ली जा सकी थी।
लेकिन इस बार, वैज्ञानिकों ने 20,000 से ज्यादा तस्वीरें खींची हैं और 3D मॉडल बनाए हैं, ताकि इस खोज का गहराई से अध्ययन किया जा सके। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिचर्ड बटलर के अनुसार, "यह खोज हमारे पृथ्वी के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे आने वाली पीढ़ियां बहुत कुछ सीख सकेंगी।"
166 मिलियन साल पुराने डायनासोर के पदचिह्नों की यह खोज विज्ञान की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि है। इससे न केवल उनके रहन-सहन और चलने-फिरने के तरीकों का पता चलता है, बल्कि यह भी संकेत मिलता है कि वे किस तरह के वातावरण में रहते थे। वैज्ञानिकों की इस खोज से हमारे प्राचीन इतिहास की कई नई परतें खुल सकती हैं!
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