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हमने चंद्रमा की सतह पर हमेशा रहस्यमयी क्रेटर्स देखे हैं, लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली खोज की है। 3.8 अरब साल पहले, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक तेज़ रफ्तार क्षुद्रग्रह (Asteroid) या धूमकेतु (Comet) टकराया, जिसने सिर्फ 10 मिनट के अंदर ही दो विशाल घाटियां बना डालीं!
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और लूनार एंड प्लैनेटरी इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने इस अद्भुत घटना का विश्लेषण किया और पाया कि यह टकराव इतना शक्तिशाली था कि इससे निकली ऊर्जा पनामा नहर की खुदाई के लिए किए गए परमाणु परीक्षणों से 1200-2200 गुना ज्यादा थी! यह झटका इतना ज़बरदस्त था कि इससे चंद्रमा पर वैलिस श्रोडिंगर (270 किमी लंबा, 2.7 किमी गहरा) और वैलिस प्लैंक (280 किमी लंबा, 3.5 किमी गहरा) जैसी गहरी खाइयां बन गईं।
शोधकर्ताओं ने 2009 में नासा के लूनार रिकॉनायसेंस ऑर्बिटर से मिले आंकड़ों और इम्पैक्ट क्रेटरिंग मॉडल का उपयोग करके इस घटना का गहराई से अध्ययन किया। उनका कहना है कि ऐसे ही टकरावों ने ग्रहों की सतह को आकार दिया है। दिलचस्प बात यह है कि करीब 4 अरब साल पहले पृथ्वी और चंद्रमा दोनों पर ऐसी ही क्षुद्रग्रहों की बारिश हुई थी, जिसे लेट हैवी बमबार्डमेंट कहा जाता है। हालांकि, पृथ्वी पर ये क्रेटर्स समय के साथ मिट गए, लेकिन चंद्रमा पर आज भी जस के तस बने हुए हैं।
इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि श्रोडिंगर इम्पैक्ट बेसिन पृथ्वी के उस क्रेटर से मेल खाता है जो डायनासोरों के विलुप्त होने से जुड़ा हुआ है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये ऊर्जावान टकराव ग्रहों की सतह पर बड़े बदलाव ला सकते हैं।
क्या आप सोच सकते हैं कि अगर ऐसा कोई टकराव आज पृथ्वी पर हो जाए तो क्या होगा?
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