/lotpot/media/media_files/2024/11/21/SE8xPO4Hx5YS285JUYSL.jpg)
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने अपने महत्वाकांक्षी आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत चांद पर ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने की योजना का खुलासा किया है। इस अनोखे प्रोजेक्ट का नाम लूनर साउथ पोल ऑक्सीजन पाइपलाइन (L-SPOP) रखा गया है। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर ऑक्सीजन उत्पादन और सप्लाई को स्थायी बनाना है, जिससे भविष्य में वहां इंसानी बस्तियां बसाने का रास्ता साफ हो सके।
NASA का यह मिशन फिलहाल कॉन्सेप्ट स्टेज पर है, लेकिन इसे साल 2026 तक साकार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत चंद्रमा की सतह पर लगभग 5 किलोमीटर लंबी ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाई जाएगी। यह ऑक्सीजन भविष्य के चंद्र ठिकानों तक पहुंचाई जाएगी, जिससे अंतरिक्ष अभियानों की लागत को कम किया जा सकेगा।
आर्टेमिस प्रोग्राम: भविष्य की बस्ती का सपना
NASA लंबे समय से चंद्रमा पर मानव बसावट के लिए प्रयासरत है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य चांद के संसाधनों का उपयोग करते हुए वहां एक स्थायी इंसानी ठिकाना बनाना है। इससे पहले, NASA ने चंद्रमा की रेगोलिथ (मिट्टी) से ऑक्सीजन निकालने और चंद्रमा की सतह पर मौजूद बर्फ से पानी उत्पादन करने की तकनीक पर निवेश किया है। अब, ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने की योजना इस प्रोजेक्ट को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
कैसे काम करेगी यह पाइपलाइन?
NASA का प्लान रोबोट्स की मदद से चंद्रमा पर गैस पाइपलाइन बिछाने का है। यह पाइपलाइन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बिछाई जाएगी, जहां पानी की बर्फ प्रचुर मात्रा में मौजूद है। ऑक्सीजन को बर्फ से अलग कर पाइपलाइन के जरिए चंद्रमा पर मौजूद बेस तक पहुंचाया जाएगा। NASA का कहना है कि इस तकनीक से ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति बहुत सस्ती और कुशल हो जाएगी।
2026 तक का लक्ष्य
NASA ने इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए 2026 तक का लक्ष्य रखा है। अभी तक चंद्रमा पर ऑक्सीजन कंटेनरों में स्टॉक करके ले जाया जाता है, जो बेहद महंगा और जटिल है। लेकिन, इस पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन को सीधे चंद्रमा पर ही प्रोसेस किया जा सकेगा, जिससे यह प्रक्रिया सस्ती और ज्यादा प्रभावी हो जाएगी।
भविष्य की दिशा
चंद्रमा पर ऑक्सीजन पाइपलाइन का यह मिशन इंसानों को चंद्रमा पर स्थायी ठिकाना बसाने के और करीब लाएगा। NASA के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा और भविष्य में मंगल ग्रह जैसे मिशनों की नींव रखेगा।
NASA का यह अनोखा कदम दर्शाता है कि अंतरिक्ष में जीवन बसाने का सपना अब कल्पना नहीं, बल्कि वास्तविकता बनने की ओर है।
और पढ़ें :-
लोटपोट कॉमिक्स के साथ सितारों के बचपन के दिनों की यादें ताज़ा करें
भारत सरकार ने शुरू किया हरित हाइड्रोजन मिशन, 100 करोड़ का निवेश