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गुरुवार को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से 17 बच्चों को सम्मानित किया। ये पुरस्कार देशभर के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बच्चों को दिए गए। इस वर्ष 7 लड़के और 10 लड़कियां इन पुरस्कारों के लिए चुनी गईं।
इन पुरस्कारों को सात अलग-अलग श्रेणियों में प्रदान किया गया, जिनमें कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा, खेल और पर्यावरण शामिल हैं।
वीर बाल दिवस पर पीएम मोदी की भागीदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने बाल पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान बच्चों ने अपने अनुभव साझा किए और पीएम मोदी को गाने सुनाए। प्रधानमंत्री ने विजेताओं को ऑटोग्राफ भी दिए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
बिहार के बच्चों की उपलब्धि
बिहार के नालंदा जिले की गोल्डी कुमारी, जो दिव्यांग हैं, ने थाईलैंड में आयोजित विश्व पैरा ओलंपिक यूथ गेम्स में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इसके अलावा, बिहार के शेखपुरा जिले के 9 वर्षीय सौरभ कुमार को बहादुरी के लिए पुरस्कार दिया गया। सौरभ ने तालाब में डूब रही तीन लड़कियों की जान बचाई थी।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की विशेषताएं
यह पुरस्कार महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा 5 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। पुरस्कार पाने वाले बच्चों को एक मेडल, प्रमाणपत्र और 1 लाख रुपये नकद राशि प्रदान की जाती है।
इस पुरस्कार को पहली बार 1996 में शुरू किया गया था, और 2018 में इसमें बहादुरी की श्रेणी को भी शामिल किया गया। हर साल ये पुरस्कार कला और संस्कृति, सामाजिक सेवा, नवाचार, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को दिया जाता है।
2023 के पुरस्कार विजेता
पिछले साल, 11 बच्चों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इनमें विभिन्न श्रेणियों जैसे बहादुरी, नवाचार, कला और संस्कृति, खेल और सामाजिक सेवा में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले बच्चे शामिल थे।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार बच्चों की असाधारण प्रतिभा और समर्पण को सम्मानित करता है, जो भविष्य के निर्माण की नींव रखते हैं। ऐसे कार्यक्रम न केवल बच्चों को प्रेरित करते हैं, बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं।
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