Bal Kavita: बिना पैसों की सैर

By Lotpot
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बिना पैसों की सैर

मक्खी  रानी जब आई, लंदन की करके सैर ।

खुशी के मारे टिका न पाईं, धरती पर वह पैर ॥

 

लम्बी डींग देखकर, उनको मच्छर ने फरमाया।

मुझे दिखाओ पासपोर्ट , कैसा तुमने बनवाया ॥

 

मक्खी झट मच्छर से बोली, करो नहीं बदनाम ।

छुपी विमान के अन्दर थी मैं, पैसो का क्या काम?

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