Bal Kavita: छुट्टी के दिन अच्छे

By Lotpot
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Boy And Girl in village

छुट्टी के दिन अच्छे

छुट्टी आई छुट्टी आई,
अब तो हो गई बन्द पढाई।

लगते छुट्टी के दिन अच्छे,
झूम झूम कर कहते बच्चे।

पढ़ने का अब नहीं झमेला,
शुरू हुआ खेलों का मेला।

सुनते किस्से सच्चे,
लगते छुट्टी के दिन अच्छे।

रात समय टी.वी. पर अटके,
दिन भर गली सड़क पर भटके।

केवल पहिने कच्छे,
छुट्टी के दिन लगते अच्छे।

कटे फलों पर जी ललचाता,
जो भी खाता वह पछताता।

भाती कुल्फी लच्छे,
छुट्टी के दिन लगते अच्छे।

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