Bal Kavita: बेटी By Lotpot 12 Jan 2024 in Poem New Update बेटी बेटी पृथ्वी में जन्म लेकर,माँ का आँचल छू ना पाई। पालनहार पिता के कभी,गोद नहीं बैठ पाई। माँ ने कहा पराया धन,सास ने कहा पराई बेटी। कभी किसी का प्यार न पाया,क्या ऐसी ही होती बेटी ? कितने अरमान मन में थे,एक भी पूरे हो ना पाए। सपनों को टूटते देखा,सह न पाई वह बेटी। lotpot-e-comics | hindi-bal-kavita | manoranjak-bal-kavita | hindi poem for kids | kids-rhymes | hindi-rhymes-for-kids | kids-hindi-rhymes | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-kvitaa | baal-kvitaa | bccon-kii-mnornjk-kvitaa | bccon-kii-kvitaa यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: बन्दर के तेवर Bal Kavita: भालू हुआ वकील Bal Kavita: गणेशा मेरा बेस्ट फ्रेंड Bal Kavita: क्रिसमस #लोटपोट #Lotpot #बच्चों की कविता #बच्चों की मनोरंजक कविता #बाल कविता #bal kavita #manoranjak bal kavita #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कविता #Hindi Bal Kavita #Hindi Rhymes for kids #kids rhymes #kids hindi rhymes #hindi poem for kids You May Also like Read the Next Article