Bal Kavita: देहरादून

By Lotpot
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देहरादून

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देहरादून

कलकत्ता से हम,
देहरादून आए।

आकर लगता कि,
लौट के न जाए।

पहाड़ी पर बसा ये,
छोटा सा शहर।

चारों ओर हरियाली,
बड़ा मनोहर।

नील आकाश के नीचे,
बनों के बहार।

वन में मिलते हैं,
चीड़ देवदार।

कहीं और देखो तो,
गुलाब के बाग।

गुलाबों से बढ़ गया,
मेरा अनुराग।

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