New Update
/lotpot/media/media_files/p2w1rhCqT68lCakC522h.jpg)
दस रूपए की कुल्फी
मुर्गियां म॒र्गे से बोलीं,
गर्मी के दिन आए।
कसम तुम्हारी इस दडबें में,
मेरा जी घबराए।
आगे बोली सुनो कहीं से,
कूलर तो मगवा दो।
होने लगी जलन सीने में,
आइसक्रीम तो खिलादो।
मुर्गा बोला मंहगाई में,
मत खा मेरी जान।
दस रूपए की कुल्फी,
खाकर सोजा खुँटी तान।
बच्चों की कविता | बच्चों की मनोरंजक कविता | बाल कविता | लोटपोट | bachchon ki kavita | entertaining kids poem | kids poem