Bal Kavita: दस रूपए की कुल्फी By Lotpot 21 Nov 2023 in Poem New Update दस रूपए की कुल्फी मुर्गियां म॒र्गे से बोलीं,गर्मी के दिन आए। कसम तुम्हारी इस दडबें में,मेरा जी घबराए। आगे बोली सुनो कहीं से,कूलर तो मगवा दो। होने लगी जलन सीने में, आइसक्रीम तो खिलादो। मुर्गा बोला मंहगाई में,मत खा मेरी जान। दस रूपए की कुल्फी,खाकर सोजा खुँटी तान। बच्चों की कविता | बच्चों की मनोरंजक कविता | बाल कविता | लोटपोट | bachchon ki kavita | entertaining kids poem | kids poem यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: कबूतर की बात Bal Kavita: छुट्टी के दिन अच्छे Bal Kavita: मिन्नी और टीम के मैनर्स Poem: भूला पहरेदारी #लोटपोट #Lotpot # kids poem #बच्चों की कविता #बच्चों की मनोरंजक कविता #बाल कविता #bal kavita #bachchon ki kavita #entertaining kids poem You May Also like Read the Next Article