Poem: भूला पहरेदारी

By Lotpot
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भूला पहरेदारी

भूला पहरेदारी

अलार्म सुन गधे मियाँ,
हड़बड़ा कर जागे।


नाईट सूट पहने ही वे,
झटपट उठ कर भागे।


पहरेदार कुत्ता उन को,
देख भागते भोंका।


सुबह - सवेरे कहाँ चल दिये,
आगे बढ़ कर रोका।


जल्दी हटो रास्ता छोड़ो ,
जा रहा हूँ दफ्तर।


काम दिलाऊ विभाग में,
लग गया हूँ अफसर।


इतना कह कर गधे ने,
एक दुलती मारी।


कुत्ता उछल कर दूर गिरा,
भूला पहरेदारी।

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