Kids Poem: चूहे की बारात By Lotpot 23 Oct 2023 in Poem New Update चूहे की बारात चूहे की बारात चूहे राजा क्या कहना,चले पहन फूलों का गहना। निखरा-निखरा लगता रूप,बदली में ज्यों चमके धूप। सज धज कर निकली बारात,हाथी घोड़े पल्टन साथ। उमड़-उमड़ कर गाते जाते,ताव मूँछ पर लाते जाते। नहीं खुशी का पारावार,पहुँचे जब दुल्हन के द्वार। तभी कहीं से बिल्ली आई,होठों - होंठों में मुस्काई। और लगा दी तुरंत छलांग,अकड़ गई चूहे की टाँग। हाय! विपत्ति कैसी आई,मुश्किल जान बचाना भाई। चूहे राजा आगे - आगे,और बाराती पीछे भागे। lotpot-latest-issue | baal-kvitaa | bccon-kii-mnornjk-kvitaa और मनोरंजक कविता पढ़ें:- Bal kavita: सर्दी आई Bal Kavita: दिवाली आयी बाल कविता : चुहिया रानी छतरी की प्यारी सी कविता #Lotpot #Lotpot latest Issue # kids poem #बच्चों की मनोरंजक कविता #बाल कविता #bal kavita #entertaining kids poem #चूहे की बारात You May Also like Read the Next Article