Bal Kavita: पर्यावरण By Lotpot 03 Apr 2024 in Poem New Update पर्यावरण Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 पर्यावरण कटते पेड़, प्रदूषित नदियां, काला धुआं, अस्लीय गैसें, फटे प्लास्टिक, सड़ता कचरा, बढ़ती गर्मी, घटती वर्षा, दूषित वर्षा, दूषित वायु, उद्योगों का अवशिष्ट, सभी कह रहे, चीख-चीख कर, प्रगतिशील मानव से, सोचो कुछ तो, कहो मत केवल, करो कुछ तो, बचाओ हमें नष्ट होने से। वरना अगली पीढ़ी, कोसेगी तुम्हें, जहरीले वातावरण में वह जी तो लेगी, परंतु घुट-घुट कर। रोग पाल कर, दवाई खा कर, निभाएगी बस, जीने की औपचारिकता। इसलिए, सुनहरे कल के लिए, आज कुछ करना होगा, पर्यावरण को बचाना होगा। lotpot | lotpot E-Comics | Bal Kavitayen | hindi bal kavitayen | Hindi Bal Kavita | manoranjak bal kavita | bal kavita | kids hindi poems | kids poems | kids hindi rhymes | Hindi Rhymes for kids | hindi rhymes | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | हिंदी बाल कवितायें | बाल कवितायें | हिंदी बाल कविता | बाल कविता | बच्चों की कविता यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: बनें नेक इन्सान Bal Kavita: मेहनत व्यर्थ न होती Bal Kavita: बन्दर गाते फिल्मी गीत Bal Kavita: मित्र #लोटपोट #Lotpot #बच्चों की कविता #बाल कविता #bal kavita #manoranjak bal kavita #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कविता #Hindi Bal Kavita #hindi rhymes #Hindi Rhymes for kids #kids hindi rhymes #kids hindi poems #Bal Kavitayen #लोटपोट ई-कॉमिक्स #hindi bal kavitayen #बाल कवितायें #हिंदी बाल कवितायें #kids poems You May Also like Read the Next Article