/lotpot/media/media_files/6IQ2cNmCMjJwxIhiUZZO.jpg)
मेहनत व्यर्थ न होती
मेहनत व्यर्थ न होती
दंड पेलता चूहा बोला,
भूख लगी है भाई।
लेकिन इस किचेन में तो कुछ,
पड़ता नहीं दिखाई।
बोला है कंजूस मालकिन बड़ी,
शायद इस घर की।
इसीलिए तो नहीं एक भी,
दाना छोड़ा करती।
तभी उसे दिख गई एक,
कोने में रखी हांडी।
पर खाली थी वह भी,
हिम्मत उसने मगर न हारी।
सोचा कुछ मन में फिर अपनी,
बुद्धि जरा दौड़ाई।
झट छलांग ऊपर रेक पर,
उसने एक लगाई।
आखिर मिल ही गई वहां पर,
घरी एक थी रोटी।
बोला खुश होकर,
मेहनत कभी व्यर्थ न होती।
lotpot E-Comics | Bal Kavitayen | hindi bal kavitayen | Hindi Bal Kavita | manoranjak bal kavita | kids hindi poems | kids poems | kids hindi rhymes | hindi rhymes | Hindi Rhymes for kids | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | हिंदी बाल कवितायें | बाल कवितायें | हिंदी बाल कविता | बाल कविता | हिंदी कवितायें | हिंदी कविता | बच्चों की कविता