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भोली नींद
आती चुपके भोली नींद,
चढ़ पलकों की डोली नींद।
लाती अपने साथ सुहाने,
सपनों की भर झोली नींद।
करती दूर थकान सभी की,
खिला प्यार की गोली नींद।
रचती है उर के आंगन में,
सुख की सुधड़ रंगोली नींद।
झपकी कभी, कभी खर्राटे,
लगता करे ठिठोली नींद।
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