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प्यारी कोयल
प्यारी कोयल
एक थी कोयल प्यारी-प्यारी,
सबका मन बहलाती थी।
सारे सुन्दर वन को अपने,
सुरीले गीत सुनाती थी।
राजा शेर मंत्री चीकू,
सबके मन को भाती थी।
गौरेया बुलबुल की सखी थी,
उनके संग मिल गाती थी।
कोयल रानी का गुण गान,
सारा जंगल गाता था।
रोते हुए चेहरे पर भी वो,
पल में हंसी ले आती थी।
एक थी कोयल प्यारी-प्यारी,
सबका मन बहलाती थी।
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