Bal Kavita: जुगनुओं का दर्द By Lotpot 02 Apr 2024 in Poem New Update जुगनुओं का दर्द Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 जुगनुओं का दर्द कहाँ गये सब जुगनू प्यारे,खेतों के जो सितारे थे। कहाँ गये वो चमकते सारे,मन को जो हर्षाते थे। गली गली उनका आना,अंधियारे का यूँ खो जाना। जुगनू में अब नहीं ठिकाना,रात को वे चुगते दाना। एक दिन एक जुगनू आया,बोला नवयुग हमें ना भाया। नई दुनिया ने हमें सताया,हांथ हमारे कुछ ना आया। छोड़ के शहर, गांव तुम्हारे,अब हम सब उड़ जाते हैं। नया साल हो तुम्हें मुबारक,हम तो जंगल में जाते हैं। lotpot | lotpot E-Comics | Bal Kavitayen | hindi bal kavitayen | Hindi Bal Kavita | manoranjak bal kavita | bal kavita | kids hindi poems | hindi poems for kids | kids poems | kids hindi rhymes | Hindi Rhymes for kids | hindi rhymes | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | हिंदी बाल कवितायें | बाल कवितायें | हिंदी बाल कविता | बाल कविता | हिंदी कवितायें | हिंदी कविता | बच्चों की कविता यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: आया बसन्त Bal Kavita: जूता जापानी Bal Kavita: चिड़िया रानी Bal Kavita: मौनी बाबा #लोटपोट #Lotpot #बच्चों की कविता #बाल कविता #bal kavita #manoranjak bal kavita #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कविता #Hindi Bal Kavita #hindi rhymes #Hindi Rhymes for kids #हिंदी कविता #kids hindi rhymes #kids hindi poems #Bal Kavitayen #लोटपोट ई-कॉमिक्स #hindi bal kavitayen #हिंदी कवितायें #बाल कवितायें #हिंदी बाल कवितायें #kids poems #hindi poems for kids You May Also like Read the Next Article