Bal kavita: दीप जले By Lotpot 13 Mar 2024 in Poem New Update दीप जले Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 दीप जले नन्हे-नन्हे दीप जले,लगते कैसे भले-भले। टिकड़ी, अनार और फुलझड़ी,रॉकेट, चकरी बम चले। नन्हे-नन्हे दीप जले,लगते कैसे भले-भले। दीवारों पर चढ़ी सफेदी,दरवाजों पर रंग बहार। घर का कोना कोना चमका,लटक रहे हैं बंदनवार। नन्हे-नन्हे दीप जले,लगते कैसे भले-भले। खील, बताशे,लड्डू, फैनी,पकवानों की सजी रैली। कुरीतियों को छोड़ मित्रों,बिगड़े बने आज भले। नन्हे-नन्हे दीप जले, लगते कैसे भले। lotpot | lotpot E-Comics | Bal Kavitayen | hindi bal kavitayen | Hindi Bal Kavita | manoranjak bal kavita | bal kavita | kids hindi poems | kids poems | hindi poems for kids | kids hindi rhymes | hindi rhymes | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | हिंदी बाल कवितायें | बाल कवितायें | हिंदी बाल कविता | बाल कविता | बच्चों की मनोरंजक कविता यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: आज नया वर्ष है Bal Kavita: नदी-नाले हर्षाये हैं Bal Kavita: बादल भैया Bal Kavita: भालू हुआ वकील #लोटपोट #Lotpot #बच्चों की मनोरंजक कविता #बाल कविता #bal kavita #manoranjak bal kavita #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कविता #Hindi Bal Kavita #hindi rhymes #kids hindi rhymes #kids hindi poems #Bal Kavitayen #लोटपोट ई-कॉमिक्स #hindi bal kavitayen #बाल कवितायें #हिंदी बाल कवितायें #kids poems #hindi poems for kids You May Also like Read the Next Article