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दीप जले
दीप जले
नन्हे-नन्हे दीप जले,
लगते कैसे भले-भले।
टिकड़ी, अनार और फुलझड़ी,
रॉकेट, चकरी बम चले।
नन्हे-नन्हे दीप जले,
लगते कैसे भले-भले।
दीवारों पर चढ़ी सफेदी,
दरवाजों पर रंग बहार।
घर का कोना कोना चमका,
लटक रहे हैं बंदनवार।
नन्हे-नन्हे दीप जले,
लगते कैसे भले-भले।
खील, बताशे,लड्डू, फैनी,
पकवानों की सजी रैली।
कुरीतियों को छोड़ मित्रों,
बिगड़े बने आज भले।
नन्हे-नन्हे दीप जले,
लगते कैसे भले।
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