बाल कविता : डाकिया की दास्तान

"डाकिया की दास्तान" एक भावनात्मक कविता है जो एक डाकिया के जीवन और उसकी दिनचर्या की व्याख्या करती है। यह कविता डाकिया के काम की महत्वपूर्णता और उनके द्वारा बांटे जाने वाले पत्रों की भावनात्मक कीमत को समझाती है।

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Children Poem Postman Tale
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"डाकिया की दास्तान" एक भावनात्मक कविता है जो एक डाकिया के जीवन और उसकी दिनचर्या की व्याख्या करती है। यह कविता डाकिया के काम की महत्वपूर्णता और उनके द्वारा बांटे जाने वाले पत्रों की भावनात्मक कीमत को समझाती है। कविता में डाकिया की निष्ठा, मेहनत और उनके कर्तव्यपरायणता का वर्णन किया गया है, जो न केवल पत्र वितरित करता है बल्कि लोगों के दिलों को भी जोड़ता है।

कविता:

डाकिया आया, डाकिया आया,
खुशियों का संदेश लाया।
गली के नुक्कड़ से बुलाया,
दरवाजे पे हर दिन छाया।

खत में छिपी बातें पुरानी,
बचपन की यादें अब बनी कहानी।
हर खत में है प्यार की बानी,
दूर देश से आई अपनों की निशानी।

Children Poem Postman Tale

बांटे चिठ्ठी चाहे गर्मी हो या ठंड,
डाकिया हमारा दुःख-सुख का संगी।
ना कभी रुका, ना कभी थका,
अपने कर्तव्य से कभी ना मुका।

बात ना जाने कितनी उनमें सिमटी,
प्रेम पत्र से लेकर, व्यापार की चिट्ठी।
डाकिया की थैली जैसे जादू की पिटारी,
हर चिट्ठी बुनती दूरियों में प्यार की कड़ी।

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चलते चलते उनकी गाथा गाए जमाना,
डाकिया हमारे दिलों का राजा पुराना।
जिसने दीप जलाये रिश्तों के हर कोने में,
मुद्दतों बाद भी उसकी महक है घरों में।

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