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बाल कविता : बच्चों की मासूमियत और उनके बड़े सपनों को समर्पित यह कविता "हम बच्चे: नन्हे कदमों से बड़े सपनों की उड़ान" एक प्रेरणादायक रचना है। इस कविता में बच्चों के भीतर छिपी असीम संभावनाओं और उनकी ऊर्जा का जश्न मनाया गया है। हर बच्चे की अनूठी पहचान और उनकी संघर्षशीलता को दर्शाते हुए, यह कविता बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में उनके कदमों की शुरुआत को रेखांकित करती है।
हम बच्चे हैं नन्हे-मुन्ने,
सपनों के हैं राजा,
दिल में उमंगों की बगिया,
हर दिन नई परिभाषा।
हमें न कोई रोक सके,
आसमान की ऊँचाई,
हमारी हर कोशिश में छिपी,
सपनों की गहराई।
हमसे ही है रंगीनी,
इस जग की हर शाम,
हम बच्चों से ही बनेगा,
कल का सुनहरा आयाम।
हर सवाल का हल हैं हम,
हर मुश्किल का तोड़,
हम बच्चे ही बनाएंगे,
इस दुनिया को नया मोड़।
हर दिन नई आशा लेकर,
नए सफर पर बढ़ते,
हम बच्चे हैं, न थकने वाले,
हर मंज़िल को चूमते।
इस कविता का उद्देश्य बच्चों की अनमोल मासूमियत और उनकी अदम्य इच्छाशक्ति को उकेरना है, जो हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। बच्चों की ताकत, उनके सपनों की उड़ान, और उनके साहसी कदमों को इस रचना में खास तौर पर उभारा गया है, जो पाठकों को गहराई से प्रेरित करेगा।
यह कविता न केवल बच्चों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो जीवन में नए सिरे से शुरुआत करना चाहते हैं।