प्यारी कविता : चोरी की सजा
एक दिन एक चालाक बिल्ली चुपके से रसोई में घुस गई। उसकी नजर कड़ाही में रखे गर्म दूध और मलाई पर पड़ी। मलाई देखकर उसकी जीभ ललचाने लगी, और उसने सोचा, "जल्दी से दूध पी लूं और सब साफ कर दूं, ताकि किसी को पता ही न चले!"
एक दिन एक चालाक बिल्ली चुपके से रसोई में घुस गई। उसकी नजर कड़ाही में रखे गर्म दूध और मलाई पर पड़ी। मलाई देखकर उसकी जीभ ललचाने लगी, और उसने सोचा, "जल्दी से दूध पी लूं और सब साफ कर दूं, ताकि किसी को पता ही न चले!"
वर्षा रानी की कविता में प्रकृति के सबसे सुंदर दृश्यों में से एक का वर्णन किया गया है, जिसमें बारिश के माध्यम से धरती की प्यास बुझाने की भावना और उसकी खूबसूरती को दर्शाया गया है।
यह कविता पेड़ों की महत्ता को दर्शाती है और हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। कवि वृक्ष की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहता है कि उसे न काटा जाए क्योंकि वह न केवल इंसानों के लिए बल्कि पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी बहुत उपयोगी है।
एक खूबसूरत कविता है जो बादलों को बुलाने और उनसे वर्षा की आशा का वर्णन करती है। यह कविता प्रकृति के साथ मानव के अद्वितीय संबंध को दर्शाती है और बरसात के मौसम की रोमांचकारी और ताजगी भरी भावनाओं को साझा करती है।
यह कविता जंगल के जानवरों की एक खूबसूरत कहानी को दर्शाती है, जिसमें चूहे राजा अपनी शादी में पूरे जंगल को आमंत्रित करते हैं। चूहे राजा घोड़ी पर चढ़कर चूहिया दुल्हन को लाने जाते हैं।
यह कविता बच्चों को फलों की दुनिया से परिचित कराती है और उन्हें स्वस्थ भोजन खाने के लिए प्रेरित करती है। कविता की शुरुआत फल बाजार की एक रंगीन तस्वीर से होती है,
इस मज़ेदार कविता में सब्जियों की एक अनोखी बारात का वर्णन किया गया है, जिसे पढ़कर बच्चे बहुत आनंदित होंगे। कद्दू जी की बारात निकली और पूरे उत्साह के साथ सब्जियाँ इसमें शामिल हुईं।