बाल कविता : पानी और धूप
बच्चों, आपने देखा होगा कि मौसम (weather) कभी अचानक बदल जाता है। अभी धूप खिली होती है और थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं, बिजली कड़कने लगती है और बरसात शुरू हो जाती है।
बच्चों, आपने देखा होगा कि मौसम (weather) कभी अचानक बदल जाता है। अभी धूप खिली होती है और थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं, बिजली कड़कने लगती है और बरसात शुरू हो जाती है।
आज के समय में जब प्रदूषण (pollution) और ग्लोबल वार्मिंग (global warming) हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, तब पेड़-पौधों का महत्व और भी बढ़ जाता है। पेड़ न केवल हमें ऑक्सीजन (oxygen) देते हैं, बल्कि धरती के तापमान को संतुलित रखते हैं,
बचपन (childhood) जीवन का सबसे प्यारा और मासूम दौर होता है। बच्चे अपनी छोटी-छोटी हरकतों, खेल और मासूम शरारतों से घर का माहौल खुशियों (happiness) से भर देते हैं। इसी मासूमियत और मस्ती को खूबसूरती से दर्शाती है
बचपन (childhood) ज़िंदगी का सबसे सुंदर समय होता है। इसी मासूमियत और सपनों भरी दुनिया को दर्शाती है कविता “हम बच्चे”। यह कविता बच्चों को उनके सपनों (dreams), कल्पनाओं (imagination) और उम्मीदों (hope) की ताकत दिखाती है।
कविताएँ बच्चों के लिए सिर्फ़ पढ़ने का साधन नहीं बल्कि सीखने और आनंद लेने का माध्यम होती हैं। “बरखा रानी और सूरज की छुट्टी” कविता बच्चों को प्रकृति (nature) से जोड़ती है। इसमें बताया गया है कि कैसे पेड़-पौधे, पक्षी (birds)
सुबह का समय बच्चों के लिए नई ऊर्जा (new energy) और ताज़गी (freshness) लेकर आता है। जैसे ही सूरज उगता है और चिड़ियाँ चहचहाती हैं, वैसे ही बच्चे भी मुस्कान के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। यह प्यारी कविता “हुआ सवेरा” हमें अच्छे आदतों
कविता “गुड़िया की आंखों में सपने” मासूमियत और कल्पना की दुनिया को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। इसमें एक नन्ही गुड़िया की आंखों में बसे सपनों का चित्रण है, जो कभी हंसी-खुशी से भरे होते हैं और कभी गहरी सोच जगाते हैं। कुछ सपने इतने सरल....