बाल कविता : खुशियों का झूला
"खुशियों का झूला" कविता बचपन की मासूमियत और खुशी का प्रतीक है। इसमें झूला झूलने की मस्ती और प्रकृति के संग-साथ का आनंद व्यक्त किया गया है। कविता हमें सिखाती है
"खुशियों का झूला" कविता बचपन की मासूमियत और खुशी का प्रतीक है। इसमें झूला झूलने की मस्ती और प्रकृति के संग-साथ का आनंद व्यक्त किया गया है। कविता हमें सिखाती है
चंदामामा ठहरो थोड़ा- इस कविता में एक बच्चे की कल्पना और मासूमियत को दर्शाया गया है, जो चंदामामा को अपना दोस्त मानता है। बच्चा चाँद से लुका-छिपी खेलना चाहता है और उसे चुनौती देता है
इस कविता का उद्देश्य पेड़ लगाने के महत्व को समझाना है। पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं, जो न केवल हमें स्वच्छ हवा देते हैं बल्कि फल, फूल और दवाइयाँ भी प्रदान करते हैं।
इस कविता का सार यह है कि दूसरों की मदद करना एक महान गुण है। चाहे छोटी-सी मदद हो या बड़ी, सच्चे दिल से की गई सहायता हमेशा दूसरों के दिल में एक खास जगह बनाती है।
यह कविता तितली रानी की सुंदरता, रंग-बिरंगे पंखों और उसके नृत्य का वर्णन करती है। तितली रानी हर फूल पर जाकर अपनी छाप छोड़ती है, उसकी मधुर गुनगुनाहट और नाचते पंखों से बगिया महक उठती है।
दिवाली कविता- यह कविता बच्चों को दिवाली के त्योहार का महत्व समझाने के लिए लिखी गई है। दिवाली सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।
यह कविता प्रकृति की महत्ता को उजागर करती है, विशेषकर पेड़ों की भूमिका पर जोर देती है। यह लोगों को संदेश देती है कि पेड़ हमारी पृथ्वी का अनिवार्य हिस्सा हैं और उन्हें बचाना चाहिए। पेड़ न केवल पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं।