Stories Moral Story: कुम्हार की चतुराई चमनपुर गांव में एक सुखिया नाम का कुम्हार रहता था। उसके पास एक गधा था। वह गधा ही उसके परिवार के पालन पोषण का साधन था। सुखिया गांव के व्यापारियों का माल शहर से गांव तक गधे पर लादकर लाता था। By Lotpot 05 Apr 2024
Stories Fun Story: खुशियाँ लौट आईं प्रकाश आठवीं कक्षा में पढ़ता था। वह नित्य नियम से सवेरे जल्दी उठकर पार्क में घूमने जाया करता था। आज भी वह हमेशा की भांति पार्क से घूमकर लौटा तो मां ने उसे गिलास भर दूध लाकर दिया। By Lotpot 05 Apr 2024
Stories Jungle Story: अप्पू और गप्पू अप्पू हाथी और गप्पू बन्दर पक्के दोस्त थे। पिछले तीन सालों से वे एक ही कक्षा में पढ़ते-पढ़ते ऊब गये थे। पढ़ाई-लिखाई में उनका मन नहीं लगता था। दिन भर स्कूल में अध्यापकों से डांट खाते थे और शाम को मम्मी-पापा से। By Lotpot 04 Apr 2024
Stories Moral Story: भगवान का जन्म राजेश एक दिन स्कूल से लौटा तो उसकी मां बोली 'बेटा, तूने कुछ सुना? अपने गांव में हरिनाथ के खेत में भगवानजी पैदा हुए हैं। उनके मुंह से कभी-कभी आवाजें भी निकलती हैं। बेटा, मुझे भी तुम उनके दर्शन करा लाओ न। By Lotpot 03 Apr 2024
Stories Motivational Story: मोनू की ज़िद मोनू की ज़िद्दी आदत से घर के सभी लोग परेशान थे। जिद करना तो उसकी रोज की दिनचर्या बन गई थी। कभी खिलौने को तो कभी खाने-पीने की वस्तुओं की। आज स्कूल से लौटकर घर में घुसते ही मोनू ने पूछा। By Lotpot 02 Apr 2024
Stories Moral Story: गधे की स्वर्ग यात्रा एक गधा रोज सुबह-सुबह भगवान से कामना करते हुए कहा करता था "हे भगवान! मुझे इस धोबी से बचाओ। इसने मुझपर बोझा लाद-लादकर, मेरा कचूमर निकाल दिया है।" इसी प्रकार, रोज वह गधा भगवान का ध्यान किया करता था। By Lotpot 02 Apr 2024
Stories Moral Story: वृद्ध दम्पत्ति की चतुराई किसी गांव में जमुना प्रसाद और रूकमणी देवी नामक एक वृद्ध दम्पत्ति रहते थे। उनका एकलौता पुत्र बिरजू शहर में नौकरी करता था। बिरजू बार-बार उन दोनों को गांव की जमीन बेच कर शहर आ जाने के लिए कहता रहता। By Lotpot 01 Apr 2024
Stories Fun Story: शेख का न्याय काफी पुरानी बात है, अरब में एक अरबपति सेठ रहा करता था। नाम था शेख इन्हास इबूने मूसा। सेठ इधर उधर भ्रमण करने का शौकीन था। एक बार उसने रेगिस्तान में यों ही इधर उधर घूमने फिरने की सोची। By Lotpot 01 Apr 2024
Stories Motivational Story: किताब का बोझ थके कदमों से सुरेश अपनी क्लास में दाखिल हुआ। डर से उसका दिल बुरी तरह धड़क रहा था। आज भी वह पिकनिक जाने के लिए बीस रुपए नहीं जुटा सका था। उसने जैसा सोचा था वैसा ही हुआ। क्लास में उसके कदम रखते ही एक ठहाका गूंजा। By Lotpot 30 Mar 2024