बाल कविता - प्रकृति से सीखो
बच्चो, क्या आपने कभी सोचा है कि फूल, पेड़, सूरज और नदी — ये सब हमें बहुत कुछ सिखा सकते हैं? जी हाँ! ये प्रकृति के दोस्त हर दिन बिना कुछ कहे हमें जिंदगी जीने का सही तरीका बताते हैं।
बच्चो, क्या आपने कभी सोचा है कि फूल, पेड़, सूरज और नदी — ये सब हमें बहुत कुछ सिखा सकते हैं? जी हाँ! ये प्रकृति के दोस्त हर दिन बिना कुछ कहे हमें जिंदगी जीने का सही तरीका बताते हैं।
समय हमारे जीवन का सबसे अनमोल संसाधन है। हम सब दिन-रात उसकी गति के अनुसार चलते हैं, लेकिन क्या कभी हमने उस घड़ी से संवाद किया है, जो हर पल टिक-टिक कर के हमें कुछ न कुछ सिखा रही होती है?
सो जा मुन्ना रात हुई अब, अब सपने भी आयेंगे- यह प्यारी सी लोरीनुमा कविता बच्चों के मासूम बचपन और उनकी मीठी नींद के लिए लिखी गई है। जब रात का अँधेरा चारों ओर छा जाता है और चाँद-तारे आसमान में खिल उठते हैं
कविता “गुड़िया की आंखों में सपने” एक मासूम बचपन की भावनाओं और उसके अंतर्मन में बसे छोटे-बड़े सपनों को उजागर करती है। यह कविता नन्ही गुड़िया यानी एक छोटी बच्ची की कल्पनाओं, इच्छाओं और सपनों की उस दुनिया में ले जाती है
दिशाओं का ज्ञान- यह कविता बच्चों को सरल और रोचक तरीके से चारों दिशाओं का ज्ञान कराती है। रोज़मर्रा के जीवन में दिशाओं का महत्व बहुत बड़ा है। जब हम सूरज को उगते हुए देखते हैं
किताबें केवल पढ़ने का साधन नहीं, बल्कि रंग-बिरंगे सपनों की दुनिया होती हैं। मुनिया की किताब भी बच्चों को खेल-खेल में सीखने और आनंद लेने का नया तरीका सिखाती है।
"पढ़ते जाओ, पढ़ते जाओ, पढ़ते जाओ, सबसे आगे बढ़ते जाओ" - यह पंक्ति एक ऐसी प्रेरणादायक कविता की शुरुआत है जो बच्चों के दिलों को छूती है और उन्हें शिक्षा के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है।