चेलाराम ई-कॉमिक्स: चेलाराम और लंबा नाम
गर्मी की छुट्टियां ख़त्म हो चुकी थीं, कुछ बच्चे ख़ुशी ख़ुशी तो कुछ छुट्टियां ख़त्म होने की वजह से उदास मन से स्कूल पहुंचे थे। चेलाराम तो हमेशा की तरह ख़ुशी ख़ुशी स्कूल पहुँच चुके थे।
गर्मी की छुट्टियां ख़त्म हो चुकी थीं, कुछ बच्चे ख़ुशी ख़ुशी तो कुछ छुट्टियां ख़त्म होने की वजह से उदास मन से स्कूल पहुंचे थे। चेलाराम तो हमेशा की तरह ख़ुशी ख़ुशी स्कूल पहुँच चुके थे।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, चेलाराम सुबह सुबह उठ कर जलेबी खाने के लिए घर से बाहर निकले। अभी वो घर से थोड़ी दूर ही पहुंचे थे कि तभी उनके दोस्त पिंकू ने उन्हें आवाज़ दी।
चुनाव का माहौल चल रहा था, जगह जगह भावी नेताओं के भाषण समारोहों की गोष्ठियां हो रहीं थीं, जिनमें भीड़ भी काफी ज्यादा इकट्ठा हो रही थी। उस भीड़ की वजह से राहगीरों को भी काफी दिक्कतें हो रहीं थीं।
गर्मी के दिन चल रहे थे, स्कूलों की गर्मी की छुट्टियां भी होने वाली थीं। एक दिन सुबह सुबह चेलाराम स्कूल पहुंचे और क्लास रूम में बैठ गए। तभी थोड़ी देर बाद क्लास टीचर भी क्लास में आ गए। उनहोंने आते ही सभी बच्चों से बोला।
शाम का वक़्त था चेलाराम घर के बहार खड़े होकर दोस्तों का इंतज़ार कर रहे थे, की तभी उनका दोस्त सुब्बू वहां आता है। अभी दोनों आपस में बातें कर रहे होते हैं कि तभी सुब्बू चेलाराम से बोलता है।