मोटू पतलू ई-कॉमिक्स: ईधन बचाओ देश बचाओ
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, सभी बच्चे अपने अपने नानी या दादी के घर पर छुट्टियां मनाने गए हुए थे। ऐसे ही मोटू और पतलू के पड़ोसी के यहाँ भी उनके नाती पोते आए हुए थे।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, सभी बच्चे अपने अपने नानी या दादी के घर पर छुट्टियां मनाने गए हुए थे। ऐसे ही मोटू और पतलू के पड़ोसी के यहाँ भी उनके नाती पोते आए हुए थे।
एक दिन की बात है नटखट नीटू टीटा और रोबो के साथ मूवी देख कर वापस आ रहा था, और वे सभी आपस में बातें कर रहे थे। नीटू बोल रहा था कि वाकई इंग्लिश फिल्मों की बात ही कुछ और है।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, चेलाराम सुबह सुबह उठ कर जलेबी खाने के लिए घर से बाहर निकले। अभी वो घर से थोड़ी दूर ही पहुंचे थे कि तभी उनके दोस्त पिंकू ने उन्हें आवाज़ दी।
एक दिन पपीताराम अपनी सेहत को लेकर थोड़ा परेशान हो गए, वो अपनी इस परेशानी से निजात पाने के लिए डॉक्टर के पास गए। डॉक्टर के पास पहुंचते ही पपीताराम ने डॉक्टर साहब को गुड इवनिंग किया।
मई का महीना ख़त्म होने वाला था और गर्मी अपने चरम पर थी, मोटू और पतलू पसीने में लथपथ अपने घर में बैठ कर हाय गर्मी, हाय गर्मी की रट लगा रहे थे।
एक दिन की बात है मौसम बहुत अच्छा हो रहा था, हवा भी चल रही थी। टीटा घर से बाहर निकलता है तो मौसम को देखकर उसका मन पतंग उड़ाने का करने लगता है।
आज श्वेता के होठों पर कई सप्ताह बाद मुस्कान फूटी थी। उसकी मुस्कान व खिले हुए चेहरे को देख उसके माता-पिता भी अत्यन्त प्रसन्न थे। पिछले, कई सप्ताह से श्वेता बिमार पड़ी थी।
चुटकुले सुनने के ढेर सारे फायदे हैं। इससे आप में खुशी की लहर दौड़ती है और उस दौरान आप टेंशन फ्री रहते हो। चुटकुले पढ़ने से भी हमको अनेक बेनिफिट्स होते हैं इससे दिमाग के सोचने समझने की क्षमता में वृद्धि होती है।