मोटू पतलू ई-कॉमिक्स: मोटू पतलू और गर्मी का मौसम
मई का महीना ख़त्म होने वाला था और गर्मी अपने चरम पर थी, मोटू और पतलू पसीने में लथपथ अपने घर में बैठ कर हाय गर्मी, हाय गर्मी की रट लगा रहे थे।
मई का महीना ख़त्म होने वाला था और गर्मी अपने चरम पर थी, मोटू और पतलू पसीने में लथपथ अपने घर में बैठ कर हाय गर्मी, हाय गर्मी की रट लगा रहे थे।
एक दिन की बात है मौसम बहुत अच्छा हो रहा था, हवा भी चल रही थी। टीटा घर से बाहर निकलता है तो मौसम को देखकर उसका मन पतंग उड़ाने का करने लगता है।
आज श्वेता के होठों पर कई सप्ताह बाद मुस्कान फूटी थी। उसकी मुस्कान व खिले हुए चेहरे को देख उसके माता-पिता भी अत्यन्त प्रसन्न थे। पिछले, कई सप्ताह से श्वेता बिमार पड़ी थी।
चुटकुले सुनने के ढेर सारे फायदे हैं। इससे आप में खुशी की लहर दौड़ती है और उस दौरान आप टेंशन फ्री रहते हो। चुटकुले पढ़ने से भी हमको अनेक बेनिफिट्स होते हैं इससे दिमाग के सोचने समझने की क्षमता में वृद्धि होती है।
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह बंदर रात्रिचर होता है और सुबह और शाम को सबसे अधिक सक्रिय होता है। रात्रिचर और चेहरा गोल होने के कारण, उन्हें अक्सर उल्लू बंदर कहा जाता है। (Jungle World | Web stories)
प्रिय नन्हे पाठकों नीचे दिया गया चित्र बिना रंगों के काफी सूना लग रहा है, आप सभी को इस चित्र का प्रिंटआउट निकलवाना है और फिर इस चित्र में अपने पसंद के रंगों को भरना है।
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह बंदर रात्रिचर होता है और सुबह और शाम को सबसे अधिक सक्रिय होता है। रात्रिचर और चेहरा गोल होने के कारण, उन्हें अक्सर उल्लू बंदर कहा जाता है।