मोटू पतलू ई-कॉमिक्स: मोटू पतलू और सुपर बाथ
एक दिन की बात है मोटू अपने घर में आराम कर रहा था, तभी पतलू वहां आता है और मोटू से बोलता है कि भाई मोटू कल तुम एक काम कर लेना। मोटू पतलू से पूछता है कि भाई बताओ क्या काम करना है।
एक दिन की बात है मोटू अपने घर में आराम कर रहा था, तभी पतलू वहां आता है और मोटू से बोलता है कि भाई मोटू कल तुम एक काम कर लेना। मोटू पतलू से पूछता है कि भाई बताओ क्या काम करना है।
चुनाव का माहौल चल रहा था, जगह जगह भावी नेताओं के भाषण समारोहों की गोष्ठियां हो रहीं थीं, जिनमें भीड़ भी काफी ज्यादा इकट्ठा हो रही थी। उस भीड़ की वजह से राहगीरों को भी काफी दिक्कतें हो रहीं थीं।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, फुरफुरी नगर के वासी छुट्टियों का मज़ा ले रहे थे। डॉ. झटका अपने घर में आराम कर रहे थे, तभी घसीटा भागता हुआ वहां आ जाता है और बोलता है- झटके! ओ झटके! मोटू ने तो कमाल कर दिया।
सुबह के सात बज रहे थे, नटखट नगर के लोग सुबह के काम निपटा रहे थे। रोबो और डोगो दोनों गार्डन में सुबह की धुप का मज़ा ले रहे थे। तभी रोबो, डोगो से बोलता है कि ओ! नाचीज़ जानवर बादशाह अकबर के सामने अदब से खड़ा हो।
एक दिन की बात है, नटखट नगर में प्रदर्शिनी लगी हुई थी। सभी बच्चे वहां घूमने जा रहे थे, कोई अपने मम्मी पापा के साथ तो कोई अपने दोस्तों के साथ। टीटा भी उनमे से एक था वो भी अपने मम्मी पापा के साथ प्रदर्शिनी में घूमने गया था।
एक दिन की बात है मोटू और पतलू घर में बैठे हुए थे, तभी अचानक से मोटू उठा और अंदर से वेइंग मशीन निकाल कर ले आया और उसपर खड़ा होकर अपना वज़न नापने लगा।
होली की सुबह थी, पूरे नटखट नगर में होली का हो-हल्ला हो रहा था। टीटा की आँखें भी किसी टोली के हल्ले से ही खुली थी। जैसे ही वो उठा उसने सबसे पहले घड़ी में टाइम देखा और जल्दी जल्दी होली खेलने के लिए तैयार हो गया।