सर्दी पर बाल कविता - "जाड़ा"
यह कविता सर्दी के मौसम, जिसे "जाड़ा" कहा गया है, के प्रभाव और अनुभवों को बड़े ही रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत करती है। कवि ने जाड़े की ठंड को इस प्रकार व्यक्त किया है कि हर कोई सर्दी की ठिठुरन में "धर-धर" काँप रहा है।
यह कविता सर्दी के मौसम, जिसे "जाड़ा" कहा गया है, के प्रभाव और अनुभवों को बड़े ही रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत करती है। कवि ने जाड़े की ठंड को इस प्रकार व्यक्त किया है कि हर कोई सर्दी की ठिठुरन में "धर-धर" काँप रहा है।
यह कविता बच्चों के लिए हाथी के जीवन और उसकी आदतों को सरल और मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करती है। हाथी, जो एक विशालकाय और शांत जीव है, कविता में अपने भारी-भरकम कदमों के साथ “धम्मक-धम्मक” करता हुआ आता और जाता है।
इस कविता में ठंडी के दिनों के दौरान जानवरों की मुश्किलों और उनकी प्रतिक्रियाओं को दर्शाया गया है। टामी, गैया, पुसी, और कौआ, सभी ठंडी से जूझते हुए अपनी समस्याओं को व्यक्त करते हैं।
इस कविता में गिन्नी बिल्ली और उसकी प्यारी हरकतों का वर्णन किया गया है। गिन्नी एक नटखट, चंचल और प्यारी बिल्ली है, जो अपनी म्याऊं से सभी का दिल जीत लेती है।
इस कविता (Poem) में कर्म की महानता को व्यक्त किया गया है। यह कविता बच्चों को प्रेरित करती है कि वे अपने जीवन में सही मार्ग का चयन करें और सच्चाई तथा मेहनत से हर कठिनाई को पार करें।
यह कविता बच्चों की पिकनिक के आनंद को दर्शाती है। बच्चों की पिकनिक का सफर मस्ती से भरा होता है, जहाँ वे खेलते, गाते, और खुशियों का मजा लेते हैं। प्रकृति की गोद में, हरी-भरी वादियों और नदी किनारे की सुंदरता में