"बादल प्यारे" एक बादलों पर प्यारी कविता
यह कविता “बादल प्यारे” बच्चों की कल्पना और मासूम सवालों को बहुत सुंदर ढंग से सामने लाती है। इसमें बच्चा बादल से सीधे संवाद करता है और उसे एक दोस्त की तरह मानकर बातें करता है। बच्चा बादल से पूछता है कि बिना पंख के वह कैसे उड़ जाता है