हिंदी जंगल कहानी: उड़ने की चाह
चंपक वन में एक तालाब था वहां खूब हरियाली थी उस तालाब के पास कछुए का भी एक परिवार रहता था। कछुआ उस परिवार में सबसे छोटा था। छोटा होने के कारण उसकी हर फरमाइश पूरी की जाती।
चंपक वन में एक तालाब था वहां खूब हरियाली थी उस तालाब के पास कछुए का भी एक परिवार रहता था। कछुआ उस परिवार में सबसे छोटा था। छोटा होने के कारण उसकी हर फरमाइश पूरी की जाती।
जंगल में जोनू शेर का दबदबा था। जंगल के सारे प्राणी उसकी आज्ञा का पालन करते थे। जोनू के शाही महल के रास्ते पर ही महात्मा नीकू हाथी की विशाल कुटिया थी।
मुर्खानंद गधे ने जब होटल खोला, तो जंगल के जानवरों को बड़ा आश्चर्य हुआ। कारण वे सभी यह अच्छी तरह जानते थे कि गधे जी होटल नहीं चला पाएँगे। भला अनपढ़ भी किसी काम का होता है।
किसी जंगल में एक मक्खी और हाथी की मित्रता की बड़ी चर्चा थी। लेकिन जंगल के अधिकांश पशु-पक्षी उनकी मित्रता की बातों को सुनकर हंसते थे। कारण यह था कि मक्खी जब भी हाथी से मिलती थी।
सुंदरवन में पलटू नाम का एक गधा रहता था। वह हर समय उटपटांग हरकत करता रहता था और बिना मतलब की बातें सोचा करता था। कभी-कभी उसकी सोच के चक्कर में जंगल के जानवर भी फंस जाते थे।
एक दिन की बात है, लूसी लोमड़ी को आसपास कहीं भोजन नहीं मिला तो वह घने जंगल में पहुंच गई। कुछ दूर पर उसे अपना शिकार दिखाई दिया जिसे खाने के लिए वह आगे बढ़ रही थी कि अचानक वहां एक शेर आ गया।
एक चिंटू नाम का बंदर था। वह बहुत शरारती और नटखट था। उसके कारण जंगल के सारे जानवर बहुत परेशान रहते थे। शरारत करने के बाद वो अपने आपको इस चालाकी से बचा लेता कि कोई उसे कुछ कह भी ना पाता।