Stories बाल कहानी : दुश्मनी का अंत इन्सपेक्टर हरीश ने घड़ी पर निगाह डाली रात के आठ बज रहे थे। उन्होंने सोचा कि थोड़ी देर सुस्ता लिया जाये पर तभी एक सिपाही ने पन्द्रह वर्षीय एक बालक के साथ उनके ऑफिस में प्रवेश किया। साहब यह लड़का आपसे कुछ कहना चाहता है। सिपाही ने बालक की ओर संकेत करके कहा। By Lotpot 28 Jan 2020
Stories बाल कहानी : मूर्ख कौन है? एक बार एक कुम्हार अपने गधे को लेकर कहीं जा रहा था। चलते चलते काफी देर हो गई। कुम्हार थक गया। इसलिये उसने अपने गधे को एक पेड़ के तने से बांध दिया और चादर बिछाकर पेड़ के नीचे आराम करने लगा। शाम का समय था। कुम्हार को अंधेरे में कुछ चमकता हुआ दिखाई पड़ा। By Lotpot 28 Jan 2020
Stories बाल कहानी : झाड़ फूंक किसी नगर में नरेन्द्र नाम का एक निकम्मा और आलसी लड़का रहता था। उसकी माँ जब उसे पढ़ने को कहती तो वह मुुँह बिचका देता कहता माँ मुझ पर आलस का भूत सवार हो जाता हैं। जब तक यह भूत न उतरे मैं कैसे पढूँ।’’ अनपढ़ माँ को सचमुच लगने लगा कि नरेन्द्र पर कोई भूत सवार है। उसने अपनी पड़ोसन माया से जाकर बड़ी गम्भीरता से कहा। नरेन्द्र को जाने क्या हो गया है। बैठा रहता है, पढ़ने को मन नहीं करता। हर समय उदास मुंह लटकाये हुए जाने क्या बोलता रहता है। By Lotpot 25 Jan 2020
Stories बाल कहानी : नई सोच नई उम्मीद आपने बिल्ली और चूहों की कहानी तो सुनी होगी। जिसमें बिल्ली के आतंक से डरे हुए चूहे बिल्ली के गले में घंटी बाँधने की योजना बनाते हैं। कई पाठकों ने यह पढ़ा होगा की ये योजना इसलिए असफल हो गयी कि कोई भी घंटी बाँधने के लिए आगे नहीं आया। By Lotpot 25 Jan 2020
Stories बाल कहानी: जादुई पत्थर बाल कहानी: रोहित पढ़ने में बिल्कुल भी मन नहीं लगाता था या फिर यूँ कहा जा सकता है कि उसने अपने मन में पहले से ही बैठा रखा था कि वह पढ़ नहीं सकता। पढ़ाई उसके बस की नहीं है। उसके घर वाले इस बात को लेकर परेशान थे कि उसे कैसे समझाया जाए। उसके परिवार के हर सदस्य ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन सब व्यर्थ हो गया। By Lotpot 25 Jan 2020
Stories बाल कहानी : बेवकूफ गधा बेवकूफ गधा- एक जंगल में एक शेर रहता था। वो अब बूढा हो चुका था। वो अकेला ही रहता था। कहने को वो शेर था लेकिन उसमें शेर जैसी कोई बात न थी। अपनी जवानी में वो सारे शेरों से लड़ाई में हार चुका था। अब उसके जीवन में उसका एक दोस्त गीदड़ ही था। By Lotpot 24 Jan 2020
Stories बाल कहानी- दावत-ए-शिराज दो जागीरदार थे, दोनों ही जिगरी दोस्त, पर दोनों के स्वभाव में जमीन आसमान का अंतर था। पहला जहाँ शान शौकत और दिखावे में विश्वास करता था, वहीं दूसरा सादगी पसंद था। एक बार किसी कार्यवश दूसरा जागीरदार पहले वाले के यहाँ गया। दोस्त को अपने यहाँ आया देख कर पहला जागीरदार बहुत खुश हुआ और दोस्त की आवभगत में उसने अपना जी जान लगा दिया। By Lotpot 21 Jan 2020
Stories बाल कहानी: इंडोर पेशेंट बाल कहानी: इंडोर पेशेंट- डॉक्टर माथुर धनी तो थे ही उसके साथ ही वह दयालु भी बहुत थे। जो भी रोगी उनके पास आता जब तक वह अच्छा न हो जाता तब तक वे उसका पूरी तरह ध्यान रखते और यदि उसके पास दवा के लिए पैसे न भी होते तो उसका अपने पास से पैसे खर्च करके इलाज करते। By Lotpot 20 Jan 2020
Stories बाल कहानी : विजय का साहस बाल कहानी : विजय का साहस - विजय अपने माता-पिता के साथ गाँव जा रहा था। वहाँ उसकी चचेरी बहन की शादी थी। पिता जी ने शादी में देने के लिए सुन्दर सुन्दर उपहार खरीदे थे जिसमें कपड़े, बर्तन और सोने के गहने भी थे। फैजाबाद से शाम को वे सब गंगा युमना एक्सप्रेस गाड़ी से रवाना हुए जो सुबह तक उनको आगरा पहँँुचा देती। जहाँ से बस पकड़कर वे दोपहर तक गाँव पहुँच जाते। By Lotpot 20 Jan 2020